योगीराज में विधानभवन के सामने आत्मदाह के प्रयास भ्रष्ट तन्त्र का आईना: लल्लू

Edited By Umakant yadav,Updated: 07 Feb, 2021 06:53 PM

attempt to self immolate in front of vidhan bhavan in yogiraj lallu

त्तर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा कि पिछले 214 दिनों में 363 लोगों द्वारा आत्महत्या अथवा आत्मदाह का प्रयास अत्यन्त दु:खद एवं दुर्भाग्यपूर्ण है। इतनी बड़ी संख्या में लोगों द्वारा अपनी जीवन लीला समाप्त करने का प्रयास करना निश्चित...

लखनऊ: उत्तर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा कि योगी सरकार के कार्यकाल में विधानभवन एवं लोकभवन के सामने आत्महत्या एवं आत्मदाह के प्रयास भ्रष्ट एवं पंगु प्रशासनिक तंत्र का प्रत्यक्ष प्रमाण हैं। लल्लू ने रविवार को जारी बयान में कहा कि पिछले 214 दिनों में 363 लोगों द्वारा आत्महत्या अथवा आत्मदाह का प्रयास अत्यन्त दु:खद एवं दुर्भाग्यपूर्ण है। इतनी बड़ी संख्या में लोगों द्वारा अपनी जीवन लीला समाप्त करने का प्रयास करना निश्चित तौर पर योगी सरकार के भ्रष्ट एवं पंगु प्रशासनिक तन्त्र का प्रत्यक्ष प्रमाण है।

उन्होंने कहा कि योगी सरकार में भ्रष्टाचार चरम पर है जिसके चलते ब्लाक एवं जिला स्तर पर भारतीय जनता पार्टी के नेता एवं जनपद के प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा आम जनता से धन उगाही लगातार बढ़ा है। पीड़ितों की न तो थाने पर सुनवाई हो रही है और न ही जिला मुख्यालय के अधिकारियों द्वारा उन्हें न्याय दिया जा रहा है। जिलों से पीड़ित न्याय की आशा में राजधानी आते हैं और अधिकारियों के चक्कर काटकर हताश होकर न्याय न मिलने के चलते आत्मदाह को विवश हो रहे हैं।       

कांग्रेसी नेता ने कहा कि यही कारण है कि मात्र सात माह में ही 363 लोगों ने राजधानी में मुख्यमंत्री कार्यालय के सामने आत्मदाह का प्रयास किया है। श्री लल्लू ने कहा कि किसी भी चुनी हुई लोकतांत्रिक सरकार का प्रथम दायित्व आम जनता को न्याय एवं सुरक्षा प्रदान करना है जिसमें योगी सरकार पूरी तरह विफल साबित हुई है। जिलों में पीड़ितों की कोई सुनवाई नहीं हो रही है। भारतीय जनता पार्टी का न गुण्डाराज न भ्रष्टाचार का नारा खोखला साबित हुआ है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि मीडिया में प्रकाशित खबरों के मुताबिक सर्वाधिक आत्मदाह के प्रयास जमीन से जुड़े विवाद को लेकर हुए हैं। इससे यह साबित होता है कि तहसील से लेकर जिले के एसडीएम एवं डीएम तक पीड़ितों की नहीं सुन रहे हैं। जबकि प्रदेश के मुखिया आये दिन अधिकारियों के साथ मीटिंग करते और निर्देश देते हुए दिखाई देते हैं। इससे यह स्पष्ट होता है कि मुख्यमंत्री का शासन और प्रशासनिक अधिकारियों पर कोई नियंत्रण नहीं रह गया है। सरकार की छवि साफ-सुथरी दिखाने के नाम पर थानों में एफआईआर नहीं दर्ज हो रहे हैं और सत्तापक्ष से जुड़े नेताओं एवं कार्यकर्ताओं की दबंगई आम जनता के न्याय में रोड़ा बने हुए हैं।       

लल्लू ने कहा कि योगी राज में लूटतन्त्र न्याय पर हावी है। पिछले चार वर्षों में भ्रष्टाचार ने कई कीर्तिमान स्थापित किये हैं और जनता दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर हुई है। न्याय की गुहार लगाने वाली आम जनता को न्याय के बजाए लाठियां मिली हैं। आज स्थिति यह है कि खुद सत्ताधारी दल के विधायकों और सांसदों ने अधिकारियोें द्वारा न सुने जाने का कई बार आरोप लगाया है और धरने पर बैठने को विवश हुए हैं।

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