UP के 41556 सहायक अध्यापकों का चयन कार्य पूरा: सरकार

Edited By Ajay kumar,Updated: 31 Aug, 2018 04:59 PM

assistant teachers of up completed government

उत्तर प्रदेश सरकार ने आज कहा कि प्रदेश में 41 हजार 556 सहायक अध्यापकों का चयन हो चुका है और इन शिक्षकों की भर्ती के बाद शिक्षक-छात्र अनुपात को और बेहतर करने तथा समायोजन में होने वाली समस्याओं से निजात पाने में मदद मिलेगी।

लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने आज कहा कि प्रदेश में 41 हजार 556 सहायक अध्यापकों का चयन हो चुका है और इन शिक्षकों की भर्ती के बाद शिक्षक-छात्र अनुपात को और बेहतर करने तथा समायोजन में होने वाली समस्याओं से निजात पाने में मदद मिलेगी। 

विधान परिषद में शिक्षक दल के सदस्य सुरेश कुमार त्रिपाठी के सवाल के जवाब में बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अनुपमा जायसवाल ने कहा कि जहां तक जिलों में शिक्षकों के समायोजन का सवाल है तो जिलों में जब देखा गया कि शिक्षक-छात्र अनुपात ठीक नहीं है तो उपलब्ध शिक्षकों में से समायोजन की प्रक्रिया शुरू हो गयी है, जो पांच सितम्बर तक पूरी हो जाएगी।      

उन्होंने बताया कि इसके साथ ही 68,500 सहायक अध्यापकों की भर्ती परीक्षा में 41,556 अभ्र्यिथयों का चयन हो चुका है। इन शिक्षकों के आने के बाद समस्या का हल काफी हद तक हो जाएगा। इसके आगे भी भर्ती प्रक्रिया जारी रहेगी। त्रिपाठी ने पूरक प्रश्न किया कि अनेक जिलों में बेसिक शिक्षाधिकारी केवल परस्पर सहमति से (म्यूचुअल) तबादले करने को ही कह रहे हैं। वे समायोजन के दायरे में आने वाले स्थानान्तरण नहीं कर रहे हैं। किसी-किसी विद्यालय में जहां कोई छात्र नहीं हैं, वहां छह-छह अध्यापक हैं। जिस विद्यालय में अध्यापक नहीं हैं वहां समायोजन तो किया जाना चाहिये। बेसिक शिक्षाधिकारी कहते हैं कि समायोजन करना उनके अधिकार क्षेत्र के बाहर है। क्या सरकार ने बेसिक शिक्षाधिकारियों को समायोजन के सम्बन्ध में जानकारी नहीं दी है।   

इस पर मंत्री ने कहा कि तबादलों के सिलसिले में जिला स्तर पर जो समिति बनी थी, उनमें सम्बन्धित जिलाधिकारी को अध्यक्ष बनाया गया था। बेसिक शिक्षाधिकारी, डायट के प्राचार्य और सम्बन्धित खण्ड शिक्षाधिकारी उस समिति के सदस्य होते हैं, लिहाजा जानकारी ना होने का सवाल नहीं है। उन्होंने कहा कि छात्र-शिक्षक अनुपात को बनाये रखते हुए अगर आपसी सहमति के आधार पर शिक्षक परस्पर तबादला कराना चाहते हैं तो इसकी अनुमति दी गयी है। जहां तक समायोजन की बात है तो यह केवल शिक्षक-छात्र अनुपात ठीक करने के लिये ही किया जाता है। जहां पर शिक्षक ज्यादा हैं वहां से निकालकर उन्हें ऐसे स्कूलों में भेजा जाता है, जहां शिक्षकों की कमी है। अगर किसी विद्यालय में समायोजन को लेकर इस तरह की कोई शिकायत की जाती है तो जांच कराकर सम्बन्धित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। 

सपा सदस्य शशांक यादव ने अनुपूरक प्रश्न किया कि सरकार ने कहा है कि अगर किसी जिले में शिक्षकों की संख्या आवश्यकता से 15 प्रतिशत से ज्यादा कम है तो वहां तैनात शिक्षकों का किसी और जगह स्थानान्तरण नहीं होगा। लखीमपुर खीरी जिले में पहले से ही 44 प्रतिशत शिक्षकों की कमी होने के बावजूद शिक्षकों ने गलत शपथपत्र देकर दूसरी जगह अपने तबादले करा लिये। आज वहां 54 प्रतिशत की कमी हो गयी है। यह इतना बड़ा भ्रष्टाचार का नमूना बन गया है। क्या मंत्री इसकी जांच कराएंगी। 

मंत्री अनुपमा ने कहा कि इसकी निश्चित रूप से जांच करायी जाएगी। अगर ऐसा पाया गया तो कार्रवाई भी होगी, और नियमत: जो भी शिक्षकों के तबादले किये गये, या होने चाहिये थे मगर नहीं हुए, उसका भी पूरा ध्यान रखा जाएगा। 

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