Edited By Deepika Rajput,Updated: 04 Sep, 2018 10:02 AM
केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने सपा-बसपा गठबंधन की बातचीत को अवसरवाद बताते हुए कहा कि राज्य के लोग इसको स्वीकार नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि दोनों के बीच समझौता दो ‘अवसरवादी’ लोगों के राजनीतिक रूप से प्रासंगिक बने रहने के लिए है। यह केवल सीमित...
लखनऊः केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने सपा-बसपा गठबंधन की बातचीत को अवसरवाद बताते हुए कहा कि राज्य के लोग इसको स्वीकार नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि दोनों के बीच समझौता दो ‘अवसरवादी’ लोगों के राजनीतिक रूप से प्रासंगिक बने रहने के लिए है। यह केवल सीमित अवधि की साझेदारी होगी।
एक-दूसरे के विरोध’ पर आधारित है दोनों दलों की राजनीति
अनुप्रिया ने कहा कि इन दोनों दलों की राजनीति 'एक-दूसरे के विरोध’ पर आधारित है। इन दोनों दलों का गठबंधन नहीं होगा बल्कि राजनीतिक रूप से प्रासंगिक बने रहने के लिए दो व्यक्तियों के बीच साझेदारी होगी। बीजेपी और अपना दल के मुकाबले इन दो अवसरवादियों के बीच कोई तालमेल नहीं है।
बसपा के शीर्ष नेतृत्व के स्वभाव में नहीं है गठबंधन में रहना
उन्होंने कहा कि गठबंधन में रहना बसपा के शीर्ष नेतृत्व के स्वभाव में नहीं है। उन्होंने यह भी दावा किया कि ये दोनों पार्टियां एक साथ 2019 का आम चुनाव लड़ सकती हैं, लेकिन अगले राज्य विधानसभा चुनावों में उनका साथ रहना लगभग असंभव है।
प्रधानमंत्री मोदी के कद के बराबर का कोई नेता नहीं
अगले आम चुनावों में राजग की संभावनाओं पर एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के कद के बराबर का कोई नेता नहीं है। यहां तक कि सपा-बसपा गठबंधन भी प्रधानमंत्री की लोकप्रियता के आगे नहीं टिक पाएगा।