Edited By Ajay kumar,Updated: 26 Jun, 2018 03:29 PM
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अध्यक्ष मायावती ने केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार पर दलित और पिछड़ा वर्ग विरोधी होने का आरोप लगाते हुये मंगलवार को कहा कि शोषण और उत्पीडऩ का शिकार समाज के इस तबके के हितों की बात करने का भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को नैतिक...
लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अध्यक्ष मायावती ने केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार पर दलित और पिछड़ा वर्ग विरोधी होने का आरोप लगाते हुये मंगलवार को कहा कि शोषण और उत्पीडऩ का शिकार समाज के इस तबके के हितों की बात करने का भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को नैतिक अधिकार नहीं है।
मायावती ने यहां जारी बयान में कहा कि भाजपा की केन्द्र व राज्य सरकारें गरीब, मजदूर , किसान, दलित व पिछडा वर्ग की धुर विरोधी है। इनकी सरकारों में समाज के कमजोर तबके पर उत्पीडऩ व अन्याय लगातार होता चला आ रहा है। उसके बाद इन वर्गो के हित व कल्याण के बारे में भाजपा नेताओं को बात करने का कोई नैतिक अधिकार नहीं बचा है। उन्होंने कहा कि भाजपा के नेताओं को इन वर्गों के बारे में कोई भी बात करने के पहले अपने गिरेबान में झाँक कर देखना चाहिए कि इनका अपना रिकार्ड कितना ज्यादा जातिवादी व दागदार है।
बसपा अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा की केन्द्र व राज्य सरकारें एवं खासकर उत्तर प्रदेश की सरकार पूर्व की सरकारों से दो कदम आगे बढ़कर गरीबों, मजदूरों, किसानों, दलितों, आदिवासियों व पिछड़ों का शोषण व उत्पीडऩ कर रहीं है तथा इन वर्गों को इनके जीने का मौलिक अधिकार व आरक्षण के संवैधानिक अधिकार से भी वंचित रख रही हैं। यही कारण है कि इन्होने आरक्षण के अधिकार को पूरी तरह से निष्क्रिय व निष्प्रभावी बना दिया है तो दूसरी तरफ सरकार की बड़ी-बड़ी परियोजनायें पूंजीपतियों की निजी क्षेत्र की कंपनियों को साैंपी जा रही हैं जहाँ आरक्षण की कोई व्यवस्था नहीं है।
न्यायपालिका के साथ-साथ शिक्षण संस्थानों सहित निजी क्षेत्र में भी आरक्षण की सुविधा की माँग करते हुये उन्होंने कहा कि आरक्षण को नकारात्मक सोच के साथ देखने के बजाए इसे देश में सामाजिक परिवर्तन के व्यापक हित के तहत एक सकारात्मक समतामूलक मानवतावादी प्रयास के रूप में देखना चाहिए। यही कारण है कि बसपा अपरकास्ट समाज व धार्मिक अल्पसंख्यक वर्ग के गरीबों को भी आरक्षण की सुविधा देने की पक्षधर है और इसके लिये संविधान में संशोधन की माँग को लेकर संसद के भीतर व बाहर लगातार संघर्ष करती रही है।