Edited By Deepika Rajput,Updated: 04 Apr, 2018 04:06 PM
लखनऊ के आयुष सिंघल नामक फरियादी ने सीएम योगी आदित्यानाथ पर जनता दरबार से धक्का मारकर बाहर निकालने का आरोप लगाया है। वहीं अब यह मामला तूल पकड़ता जा रहा है।
गोरखपुरः लखनऊ के आयुष सिंघल नामक फरियादी ने सीएम योगी आदित्यानाथ पर जनता दरबार से धक्का मारकर बाहर निकालने का आरोप लगाया है। वहीं अब यह मामला तूल पकड़ता जा रहा है। मामले में गोरखपुर डीएम ने सफाई दी है। उन्होंने कहा कि फरियादी को धक्का मारना और उसके कागज फेंकने वाली बात झूठी।
जिलाधिकारी के. विजेंद्र पांडियन ने कहा कि सीएम ने सुबह ही लोगों की फरियाद सुननी शुरु कर दी थी। तकरीबन 400 से 500 फरियादी आए थे। सब लोग अपनी समस्या सुना रहे थे। इस दौरान कुछ लोग आवेदन पत्र लेकर आए थे, लेकिन कुछ लोग खाली हाथ आए थे। हमें निर्देश थे कि जो भी आए उसकी फरियाद कागज के साथ लेकर आए। उसी दौरान सिंघल भी आया। उन्होंने बताया कि अमनमणि से उनका जमीन के संबंधी मसला है। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि दरख्वास्त लिख कर दे देना हम उस पर कार्रवाई करेंगे। उसके बाद वो वापस चला गया।
उन्होंने कहा कि यह मामला जब मीडिया में आया तो हमें पता चला। लखनऊ डीएम ने भी बताया कि यह आदमी पहले भी कई बार दरख्वास्त दे चुका है। इनका मामला कब्जेदारी को लेकर नहीं बल्कि बंटवारे को लेकर है। यह मामला कोर्ट का है और यह आदमी कोर्ट जाने के लिए तैयार नहीं है। बार-बार यहीं दरख्वास्त दे रहा है। उसको धक्का मारना या उसके कागज फेंकना एेसा कुछ भी नहीं हुआ है। यह बातें झूठी है।
बता दें कि लखनऊ के आयुष सिंघल सीएम से विधायक अमन मणि के खिलाफ 22.2 बिगहा जमीन कब्जा करने की शिकायत लेकर पहुंचे। आयुष का आरोप है कि सीएम ने उसकी समस्या नहीं सुनी और शिकायत से जुड़ी फाइल फेंक दी। आयुष का कहना है कि वह इससे पहले भी कई बार सीएम से मिल चुका है, तब उन्होंने कार्रवाई का आश्वासन दिया था। लेकिन इस बार साफ तौर पर कार्रवाई न होने की बात कह दी।