Edited By Deepika Rajput,Updated: 08 Feb, 2019 12:38 PM
प्रयागराज कुंभ में कल्पवास कर रहे हजारों श्रद्धालुओं को इलाहाबादी सुरूखा अमरूद खूब पसंद आ रहा है। तीर्थराज प्रयाग में सित् (गंगा) असित् (यमुना) और अंत: सलिला स्वरूप में प्रवाहित सरस्वती के विस्तीर्ण रेती पर दूर दराज से आकर कल्पवास...
प्रयागराजः प्रयागराज कुंभ में कल्पवास कर रहे हजारों श्रद्धालुओं को इलाहाबादी सुरूखा अमरूद खूब पसंद आ रहा है। तीर्थराज प्रयाग में सित् (गंगा) असित् (यमुना) और अंत: सलिला स्वरूप में प्रवाहित सरस्वती के विस्तीर्ण रेती पर दूर दराज से आकर कल्पवास कर रहे इन स्नानार्थियों को बेमिसाल स्वाद और सेब की शक्लसूरत वाला इलाहाबादी सुरूखा और सफेदा अमरूद पहली पसंद बना हुआ है।
इलाहाबादी सेबिया अमरूद का कोई जोड़ नहीं है। सेब की शक्ल में छोटे और बेहद खूबसूरत दिखने वाले इन अमरूदों ने सबको क्रेजी बना रखा है। बहुत से लोग तो सेबिया को ही सेब समझ लेते हैं। खास बात यह है कि सेबिया नस्ल का अमरूद किसी दूसरे शहर में पैदा नहीं होता। उर्दू के नामचीन शायर अकबर इलाहाबादी ने कभी कहा था, ‘कुछ इलाहाबाद में सामां नहीं बहबूद के, यां धरा क्या है ब-जुका अकबर के और अमरूद के।’ कल्पवासियों और स्नानार्थियों के साथ ही विदेशियों को भी यह लुभा रहा है। इसके अलावा सफेदा, सेबिया, लखनऊ-49 और ललित प्रजाति के अमरूद का स्वाद संगम आने वालों को अपनी तरफ आकर्षित कर रहा है। यह स्वादिष्ट होने के साथ ही स्वास्थ्य के लिए औषधि का खजाना है।
डॉ. नरेन्द्र केसरवानी आयुर्वेदाचार्य ने बताया कि स्वादिष्ट होने और सुपाच्य होने के साथ-साथ यह औषधीय खजाना है। अमरूद विटामिन (सी) का भंडार है। इसमें संतरा और नींबू की तुलना में चार से 10 गुना अधिक विटामिन (सी) पाया जाता है। इसके सेवन से विटामिन सी, बी व ए की कमी दूर होती है। सी रोग से लड़ने की क्षमता बढ़ाता है। बी शरीर के लिए पौष्टिक एवं ए आंख की रोशनी और दांतों को मजबूत रखता है।