Edited By Ajay kumar,Updated: 06 May, 2020 12:51 PM
कोरोना महामारी के बीच उत्तर प्रदेश के 69000 शिक्षक अभ्यर्थियों के लिए बड़ी खुशखबरी सामने आई है। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने आर्डर सरकार के पक्ष में सुनाया है।
लखनऊ: कोरोना महामारी के बीच उत्तर प्रदेश के 69000 शिक्षक अभ्यर्थियों के लिए बड़ी खुशखबरी सामने आई है। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने आर्डर सरकार के पक्ष में सुनाया है। हाईकाेर्ट ने सरकार द्वारा तय किए गए कटऑफ 60-65 पर ही मुहर लगाई है। डबल बेंच द्वारा सुनाए गए फैसले के साथ ही सिंगल बेंच द्वारा 40-45 पर सुनाए गया फैसला भी निरस्थ हाे गया है। बता दें कि न्यायमूर्ति पंकज जायसवाल और करुणेश पवार की बेंच ने ये फैसला सुनाया है।
इससे पहले मंगलवार काे काेर्ट ने मामले में आर्डर संबंधी कॉज लिस्ट जारी किया था। जिसमें आज यानि कि 6 मई को अदालत अपना अंतिम फैसला सुनाएगी की बात कही गई थी। बता दें कि हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने 3 मार्च को फैसला सुरक्षित रख लिया था। तबसे छात्रों को हाईकोर्ट के अंतिम फैसले का बेसब्री से इंतजार था।
6 जनवरी 2019 को हुई थी लिखित परीक्षा
गौरतलब है कि 6 जनवरी 2019 को लिखित परीक्षा के एक दिन बाद नया कटऑफ लागू करने के बाद जो विवाद हुआ उसका नतीजा है कि 15 महीने बाद परिणाम घोषित किया गया है। इस भर्ती के लिए दिन-रात एक कर तैयारी करने वाले अभ्यर्थी परेशान थे। परीक्षा के अगले दिन 7 जनवरी 2019 को पासिंग मार्क 60/65 प्रतिशत कर दिया गया। जबकि भर्ती के शासनादेश में इसका कोई जिक्र नहीं था।
अभ्यर्थियों ने कटऑफ के खिलाफ 11 जनवरी 2019 को याचिका दायर की थी। जिस पर हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने कटऑफ 40/45 फीसदी करने का आदेश दिया था। इसके खिलाफ सरकार ने 22 मई को डबल बेंच में याचिका दायर की जिसकी सुनवाई बुधवार 2020 को कोर्ट में पूरी हुई जिसका लाखाें छात-छात्रों को इंतजार था। फैसले के बाद अब शिक्षक बनने का मौका मिल पाएगा।