योगी सरकार के वसूली अध्यादेश पर रोक लगाने से इलाहाबाद HC का इनकार

Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 18 Mar, 2020 07:14 PM

allahabad high court refuses to ban yogi government s recovery ordinance

उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा हाल ही में जारी अध्यादेश- उत्तर प्रदेश सार्वजनिक एवं निजी संपत्ति नुकसान वसूली कानून, 2020 की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली एक...

प्रयागराजः उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा हाल ही में जारी अध्यादेश उत्तर प्रदेश सार्वजनिक एवं निजी संपत्ति नुकसान वसूली कानून, 2020 की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली एक रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने इस अध्यादेश पर रोक लगाने से बुधवार को इनकार कर दिया। मुख्य न्यायाधीश गोविंद माथुर और न्यायमूर्ति समित गोपाल की पीठ ने अधिवक्ता शशांक त्रिपाठी द्वारा दायर इस याचिका पर राज्य सरकार को 25 मार्च तक अपना जवाब दाखिल करने को कहा और मामले की अगली सुनवाई की तारीख 27 मार्च तय की।

बता दें कि इस अध्यादेश में अर्द्धन्यायिक निकायों को सार्वजनिक विरोध प्रदर्शन के दौरान सरकारी और निजी संपत्तियों को हुए नुकसान का आकलन करने और प्रदर्शनकारियों से वसूली करने का अधिकार प्रदान किया गया है। CAA के विरोध के दौरान हिंसा के आरोपियों के नाम, फोटो और पते वाले बैनर सार्वजनिक स्थानों पर लगाने के लिए लखनऊ के प्रशासन को इलाहाबाद HC द्वारा फटकार लगाए जाने के बाद 15 मार्च को यह अध्यादेश लाया गया। इस अध्यादेश में कहा गया है कि ऐसे मामलों में सरकारी और निजी संपत्ति को हुए नुकसान का आकलन करना अधिकरण का दायित्व होगा और यह नुकसान का आकलन करने और देनदारी का पता लगाने के लिए एक दावा आयुक्त नियुक्त कर सकता है। अध्यादेश के मुताबिक यह अधिकरण प्रत्येक जिले में एक निर्धारक नियुक्त कर सकता है। दावा आयुक्त तीन माह के भीतर या अधिकरण द्वारा दी गई समय सीमा के भीतर उसे एक रिपोर्ट सौंपेगा।

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