Edited By Umakant yadav,Updated: 12 Jul, 2020 10:50 AM
इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने उत्तर प्रदेश सरकार से कहा है कि वह उसे इस बारे में संतुष्ट करे कि सीएए विरोधी आंदोलन के सिलसिले में किस कानून के तहत एस आर दारापुरी के खिलाफ 64 लाख...
लखनऊ: इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने उत्तर प्रदेश सरकार से कहा है कि वह उसे इस बारे में संतुष्ट करे कि सीएए विरोधी आंदोलन के सिलसिले में किस कानून के तहत एस आर दारापुरी के खिलाफ 64 लाख रुपए का रिकवरी आदेश जारी किया गया। अदालत ने राज्य सरकार से यह भी पूछा कि कथित घटना के समय क्या इस तरह की वसूली की अनुमति देने वाला कोई कानूनी प्रावधान था।
न्यायमूर्ति राजन रॉय की पीठ ने दारापुरी की रिट याचिका पर आदेश शुक्रवार को किया। सीएए विरोधी प्रदर्शनों के दौरान हिंसा और आगजनी के कारण सरकारी खजाने को पहुंचे नुकसान की भरपाई के लिए लखनऊ प्रशासन ने रिकवरी का आदेश जारी किया था।
दारापुरी ने अदालत से कहा कि वसूली का आदेश गैरकानूनी तरीके से जारी किया गया है। अदालत ने सुनवाई की अगली तारीख 14 जुलाई तय की।
गौरतलब है कि रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी दारापुरी पर राजधानी लखनऊ में पिछले साल 19 दिसंबर को सीएए विरोधी प्रदर्शनों के दौरान हिंसा भड़काने का आरोप है।