Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 03 Jun, 2020 02:09 PM
समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मंगलवार को कहा कि कोरोना संकटकाल में उत्तर प्रदेश में ध्वस्त कानून व्यवस्था को संभालने के बजाय पुलिस सरकार के इशारे पर विपक्षी दलों के नेताओं को झूठे मामलों में फंसाने का काम कर रही है। यादव ने जारी बयान...
लखनऊः समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मंगलवार को कहा कि कोरोना संकटकाल में उत्तर प्रदेश में ध्वस्त कानून व्यवस्था को संभालने के बजाय पुलिस सरकार के इशारे पर विपक्षी दलों के नेताओं को झूठे मामलों में फंसाने का काम कर रही है। यादव ने जारी बयान में कहा कि लॉकडाउन हो या अनलॉक भाजपा राज में अपराधियों को खुली छूट मिली है।
पुलिस कानून व्यवस्था सम्भालने के बजाय जब संकटकाल में भी प्रदेश के सत्ताधारियों के इशारे पर विपक्षियों को झूठे केसों में फंसाने में व्यस्त है तो अपराधियों के हौंसले बुलन्द होंगे ही। उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार के चलते हर ओर अव्यवस्था और अराजकता है चाहे वह कोरोना से बचाव के लिए स्वास्थ्य सेवाओं में लारवाही हो या फिर गरीबों, मजबूर श्रमिकों तथा सामान्य जन की सुरक्षा की बात हो।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में खूनी खेल चरम पर है और पुलिस तथा प्रशासन मौन धारण किए हुए है। कमिश्नरी व्यवस्था शुरू होने का भी कोई फायदा नहीं है। समाजवादी सरकार ने अपराध नियंत्रण की जो आधुनिकतम व्यवस्थाएं की थी उसे भाजपा सरकार ने ध्वस्त कर दिया। पुलिस का आधुनिकीकरण रोक दिया। प्रशासनिक शिथिलता और लापरवाही के कारण उत्तर प्रदेश इस स्थिति को प्राप्त हो गया है जहां चारों तरफ घोर अंधेरा है लोकतंत्र में सरकारें संविधान के अनुसार काम करती है लेकिन टीम-इलेवन ने सरकार का कार्यभार सम्हाल लिया तभी यह दुर्दशा है।
सपा अध्यक्ष ने कहा कि लॉकडाउन हटने के पहले ही दिन अलीगढ़ में एलआईसी के दफ्तर के सामने दिन दहाड़े कैशवैन से 22.70 लाख की लूट हो गईं, गोलियां चली तो कई घायल हो गए। गाजियाबाद में आईएएस अधिकारी रानी नागर पर जान लेवा हमला हुआ, जबकि उन्हें अपनी सुरक्षा कारणों से इस्तीफा तक देना पड़ा। कानपुर में आपसी संघर्ष में दो मौंतें हुई।