Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 09 Feb, 2020 11:22 AM
समाजवादी पार्टी(सपा)अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि जब भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) सरकार ने बजट में किसानों के लिये कोई ठोस योजना तैयार ही नही की है तो कैसे वर्ष 2022 तक उनकी आय दुगनी होगी। यादव ने शनिवार को यहां जारी बयान में कहा कि सपने दिखाने और...
लखनऊः समाजवादी पार्टी(सपा)अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि जब भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) सरकार ने बजट में किसानों के लिये कोई ठोस योजना तैयार ही नही की है तो कैसे वर्ष 2022 तक उनकी आय दुगनी होगी। यादव ने शनिवार को यहां जारी बयान में कहा कि सपने दिखाने और जुमलों में भटकाने की कला कोई भाजपा नेतृत्व से सीखे। किसानों को आय दुगनी करने और फसलों की लागत से डेढ़ गुना मूल्य दिलाने के वादे तो रोज-रोज दुहराए जाते हैं। हकीकत में अभी तक भाजपा सरकार और प्रधानमंत्री का कोई वादा पूरा नहीं हुआ है। केन्द्र सरकार का जो बजट पेश हुआ है उसमें भी किसानों के लिए कोई ठोस योजना नहीं प्रस्तुत हुई। यह कोई नहीं बताता कि वर्ष 2022 तक किसान की दशा में कैसे सुधार आएगा कैसे उसकी आय दुगनी होगी।
उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था बिना खेती-किसानी और गांव-गरीब के बिना अधूरा रहता है। देश की 70 प्रतिशत ग्रामीण आबादी इसी पर निर्भर है। आजादी के 73 वर्षों के बाद भी किसान की हालत नहीं सुधरी है। ग्रामीण आय को बढ़ाने और किसानों की समस्याओं के समाधान की दिशा में ठोस प्रयास नहीं हुए है। किसान आज भी कर्ज में डूबा आत्महत्या कर रहा है। खाद, पानी, बिजली, कृषि उपकरण सभी तो मंहगे है जबकि किसान को अपनी फसलों का घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य भी नहीं मिल पाता है। उत्तर प्रदेश में गन्ना किसान अभी तक बकाया भुगतान के लिए भटक रहा है।
सपा अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा की केन्द्र सरकार द्वारा प्रस्तुत बजट में आकर्षक योजनाओं का दिलचस्प ब्यौरा है। किसान को 16 सूत्रीय फार्मूले का लालच दिया गया है। ‘किसान रेल‘ और ‘कृषि उड़ान‘ का सपना भी दिखा दिया है। नीलीक्रांति और श्वेतक्रांति का नारा भी है। अब भाजपा राज में कांट्रैक्ट फार्मिंग का राग छेड़ा गया है। इसमें पानी के संकट से जूझ रहे बुंदेलखण्ड का कोई जिक्र नहीं है कि वहां किसान कैसे अपना खेत सींचेंगे।