Edited By Ruby,Updated: 18 Jul, 2018 11:59 AM
बंधुओं मज़दूरों के लिए काम करने वाले सामाजिक कार्यकर्ता स्वामी अग्निवेश पर झारखंड के पाकुड़ के भीड़-भाड़ वाले इलाके में हमला हुआ है। हमलावरों ने उनके ख़िलाफ़ नारे लगाए और बीच सड़क पर उन्हें बुरी तरह पीटा। अब यह मामला तूल पकड़ता दिखाई दे रहा है। जिस...
लखनऊः बंधुओं मज़दूरों के लिए काम करने वाले सामाजिक कार्यकर्ता स्वामी अग्निवेश पर झारखंड के पाकुड़ के भीड़-भाड़ वाले इलाके में हमला हुआ है। हमलावरों ने उनके ख़िलाफ़ नारे लगाए और बीच सड़क पर उन्हें बुरी तरह पीटा। अब यह मामला तूल पकड़ता दिखाई दे रहा है। जिस पर अखिलेश यादव ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है।
अखिलेश यादव ने ट्वीट कर कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने भीड़तंत्र को नकारा है, उधर झारखंड में एक नामी समाजसेवी पर खुलेआम क़ातिलाना हमला हुआ है। केंद्र-राज्य में सत्ताधारी भाजपा अब किस मुंह से कहेगी कि वह न्यायपालिका व लोकतंत्र का सम्मान करती है। देश को अराजकता के इस दौर से बचाने के लिए सब को आगे आना होगा।
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने मॉब लिंचिंग को एक अलग अपराध की श्रेणी में रखने की बात की है और सरकार से कहा है कि इसकी रोक थाम के लिए वो एक नया क़ानून बनाए। मॉब लिंचिंग और गोरक्षकों द्वारा हिंसा के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कोई नागरिक अपने हाथ में क़ानून नहीं ले सकता। ये राज्य सरकारों का कर्तव्य है कि वो क़ानून व्यस्था बनाए रखें।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, 'कोई भी नागरिक अपने आप में क़ानून नहीं बन सकता है।लोकतंत्र में भीड़तंत्र की इजाज़त नहीं दी जा सकती।' सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकारों को सख्त आदेश दिया कि वो संविधान के मुताबिक काम करें।