Edited By Deepika Rajput,Updated: 14 Mar, 2019 11:28 AM
उत्तर प्रदेश में तेजी से बदलते राजनीतिक परिदृश्य के बीच सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बुधवार को बसपा सुप्रीमो मायावती से उनके आवास जाकर मुलाकात की। इस बैठक के बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि सपा-बसपा गठबंधन अमेठी और रायबरेली में भी अपना उम्मीदवार उतार सकता...
अमेठी/रायबरेली: लोकसभा चुनावों के मद्देनजर उत्तर प्रदेश में तेजी से बदलते राजनीतिक परिदृश्य के बीच सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बुधवार को बसपा सुप्रीमो मायावती से मुलाकात की। बैठक के बाद संभावना जताई जा रही है कि सपा-बसपा गठबंधन अमेठी और रायबरेली में भी अपना उम्मीदवार उतार सकता है।
मायावती ने मंगलवार को बसपा के वरिष्ठ नेताओं की बैठक में ऐलान किया था कि लोकसभा चुनाव में उनकी पार्टी कांग्रेस के साथ किसी भी दशा में गठबंधन नहीं करेगी। सपा-बसपा गठबंधन के नेता ने दोनों दलों के कार्यकर्ताओं को आगाह किया था कि पूर्वी उत्तर प्रदेश में प्रियंका गांधी वाड्रा के महासचिव नियुक्त किए जाने के बाद वे कांग्रेस के हर एक कदम पर पैनी निगाह बनाए रखें। इसके अलावा सपा प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी ने बताया कि यह मुलाकात आगामी लोकसभा चुनाव के लिए होने वाली रैलियों, सभाओं और बैठकों के सिलसिले में थी।
वही, प्रियंका वाड्रा ने बुधवार को दलित वर्ग की नुमाइंदगी करने वाले भीम आर्मी मुखिया चंद्रशेखर से मुलाकात कर नए राजनीतिक समीकरण के संकेत दिए। जिसके बाद माना जा रहा है कि सपा-बसपा गठबंधन बीजेपी के साथ-साथ कांग्रेस के खिलाफ भी आक्रामक रवैया अपना सकता है।
उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश में सपा-बसपा के बीच 38-37 सीटों पर गठबंधन है। गठबंधन में राष्ट्रीय लोकदल को 3 सीट मथुरा, बागपत व मुजफ्फरनगर दी गई है। साथ ही रायबरेली में सोनिया गांधी व अमेठी में राहुल गांधी के खिलाफ प्रत्याशी न उतारने का ऐलान किया गया था।