Edited By Ruby,Updated: 25 May, 2019 02:03 PM
लखनऊः उत्तरप्रदेश में समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी का गठबंधन कोई करिश्मा नहीं दिखा पाया और भारतीय जनता पार्टी की सुनामी में बह गया। गठबंधन से तमाम उम्मीदों के बावजूद बात अगर बसपा और सपा की अलग अलग करें तो सपा के हिस्से मात्र पांच सीट और बसपा...
लखनऊः उत्तरप्रदेश में समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी का गठबंधन कोई करिश्मा नहीं दिखा पाया और भारतीय जनता पार्टी की सुनामी में बह गया। गठबंधन से तमाम उम्मीदों के बावजूद बात अगर बसपा और सपा की अलग अलग करें तो सपा के हिस्से मात्र पांच सीट और बसपा के खाते में दस सीटें आयीं। इसी बीच खबर सामने आई है कि सपा ने टीवी पर पार्टी का पक्ष रखने वाले सभी पैनलिस्ट को तत्काल प्रभाव से बर्खास्त कर दिया है।
पार्टी के मुख्य प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने कहा, राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के निर्देश पर टीवी चैनलों पर नामित किए गए पार्टी प्रवक्ताओं का मनोनयन तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दिया गया है। बता दें कि सपा ने 2014 के लोकसभा चुनाव में भी पांच सीटें जीती थीं हालांकि उसका वोट प्रतिशत इस बार 4 प्रतिशत गिर गया। 2014 में यह 22.35 प्रतिशत था जो इस बार घटकर 18 प्रतिशत से कुछ नीचे आ गया।
पिछले चुनाव में बसपा का खाता ही नहीं खुल पाया था लेकिन इस बार वह दस सीटें जीत गई। बसपा ने 38 सीटों पर प्रत्याशी उतारे थे। कुल मिलाकर गठबंधन मात्र 15 सीटें ही जीत पाया। भाजपा और उसकी सहयोगी अपना दल (एस) ने मिलकर 64 सीटें जीतीं हालांकि 2014 में दोनों दलों ने मिलकर 73 सीटें जीती थीं।