Edited By Anil Kapoor,Updated: 14 Feb, 2019 09:31 AM
पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को प्रयागराज जाने से रोके जाने को लेकर समाजवादी पार्टी (SP) और बहुजन समाज पार्टी (BSP) के 15 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने बुधवार को राज्यपाल रामनाईक से मुलाकात की और उनसे योगी सरकार के अलोकतांत्रिक रवैया अपनाए जाने की...
लखनऊ: पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को प्रयागराज जाने से रोके जाने को लेकर समाजवादी पार्टी (SP) और बहुजन समाज पार्टी (BSP) के 15 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने बुधवार को राज्यपाल रामनाईक से मुलाकात की और उनसे योगी सरकार के अलोकतांत्रिक रवैया अपनाए जाने की शिकायत की। विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष अहमद हसन और विधानसभा में बसपा विधानमंडल दल के नेता लालजी वर्मा के अलावा संयुक्त दल में सपा के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल शामिल थेे। प्रतिनिधिमंडल ने करीब आधे घंटे राज्यपाल रामनाईक से बातचीत की और कहा कि भाजपा सरकार के तानाशाही रवैये से लोकतंत्र को गंभीर खतरा पैदा हो गया है।
उन्होंने आरोप लगाया कि लखनऊ हवाई अड्डे पर मंगलवार को एक कनिष्ठ अधिकारी ने अलोकतांत्रिक तरीके से पूर्व मुख्यमंत्री को जहाज में चढ़ने से रोक दिया। यह बेहद गंभीर मसला है कि पुलिस ने किस अधिकार के साथ हवाई अड्डा परिसर में प्रवेश किया। नाईक ने संयम के साथ प्रतिनिधिमंडल की बातों को सुना और उन्हे आश्वस्त किया कि वह जल्द ही इस बारे में सरकार को पत्र लिखेंगे।
इस बीच यादव को आंमत्रित करने वाले अखाड़ा परिषद ने राज्य सरकार के कृत्य पर खेद जताया है। परिषद के अध्यक्ष महंत नरेन्द्र गिरि ने प्रयागराज में कहा कि अखिलेश एक श्रद्धालु की तरह धार्मिक समारोह में भाग लेने वाले थे। उन्हे रोका जाना निंदनीय है और इससे संत समाज को ठेस पहुंची है। अखाड़ा सप्तमी को हर वर्ष बड़े स्तर पर यह धार्मिक आयोजन होता है जिसमें मुलायम सिंह यादव के परिजन सम्मिलित होते हैं लेकिन इस साल योगी सरकार ने अखिलेश को इस समारोह में भाग लेने से वंचित कर दिया।