Edited By Ruby,Updated: 13 Jan, 2019 10:45 AM
देश की राजनीति में उतार-चढ़ाव लगे रहते हैं। यहां कब क्या हो जाए कुछ नहीं कहा जा सकता। इसकी ताजा उदाहरण सपा-बसपा का गठबंधन है। दोनों विरोधी धुर का मोदी लहर को रोकने के लिए एक साथ होना जहां बीजेपी को खटक रहा है तो वहीं दोनों पार्टियों के अध्यक्ष में...
लखनऊः देश की राजनीति में उतार-चढ़ाव लगे रहते हैं। यहां कब क्या हो जाए कुछ नहीं कहा जा सकता। इसकी ताजा उदाहरण सपा-बसपा का गठबंधन है। दोनों विरोधी धुर का मोदी लहर को रोकने के लिए एक साथ होना जहां बीजेपी को खटक रहा है तो वहीं दोनों पार्टियों के अध्यक्ष में एक नई उम्मीद जाग गई है। इसी कड़ी में अब अखिलेश यादव ने बीजेपी पर निशाना साधा है।
उन्होंने कहा है कि बसपा-सपा में गठबंधन से न केवल भाजपा का शीर्ष नेतृत्व व पूरा संगठन बल्कि कार्यकर्ता भी हिम्मत हार बैठे हैं। अब भाजपा बूथ कार्यकर्ता कह रहे हैं कि ‘मेरा बूथ, हुआ चकनाचूर’। ऐसे निराश-हताश भाजपा नेता-कार्यकर्ता अस्तित्व को बचाने के लिए अब बसपा-सपा में शामिल होने के लिए बेचैन हैं।
इससे पहले अखिलेश ने शनिवार के दिन हुए गठबंधन को ऐतिहासिक बताते हुए कहा था कि आज का दिन हमारे देश के लिए ऐतिहासिक है जब भाजपा से देश के संविधान व सौहार्द की रक्षा तथा दलितों, वंचितों, पिछड़ों, अल्पसंख्यकों पर हो रहे उनके अन्याय व अत्याचार से लड़ने के लिए बसपा-सपा दोनों एक साथ आ गए हैं। ये एकजुटता भारतीय राजनीति को एक नई दिशा देगी और निर्णायक साबित होगी।