अखिलेश ने कृष्ण की मूर्ति बना बदली राजनीति की दिशा

Edited By Ajay kumar,Updated: 13 Aug, 2020 06:21 PM

akhilesh became the idol of krishna changed the direction of politics

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अपने गांव सैफई में भगवान श्री कृष्ण की एक बड़ी मूर्ति स्थापित कर एक नई राजनीति को जन्म दे दिया है।

इटावा: समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अपने गांव सैफई में भगवान श्री कृष्ण की एक बड़ी मूर्ति स्थापित कर एक नई राजनीति को जन्म दे दिया है। जब उत्तर प्रदेश की राजनीति राममय होती दिख रही है, ऐसे वक्त में अखिलेश ने कृष्ण का सहारा लेकर नई राजनीति का संकेत दे दिया है। उत्तर प्रदेश में विधानसभा के चुनाव 2022 में हैं लेकिन इसकी तैयारी तैयारी शुरू हो गई है। अयोध्या में राम मंदिर की नींव पड़ने के बाद से ही कई राजनीतिक पाटिर्यों की ओर से ब्राह्मणों को लेकर राजनीति की जा रही है। राम से लेकर परशुराम तक पर बयान दिए जा रहे हैं।

इस बीच समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने अलग राह चुनी है, राम पर जारी सियासत के बीच अखिलेश श्रीकृष्ण की मूर्ति के साथ नज़र आए। दरअसल, कृष्ण जन्माष्टमी के मौके पर समाजवादी पाटर्ी के प्रमुख अखिलेश यादव ने अपने टिवटर अकाउंट पर एक तस्वीर साझा की, जिसमें वो पत्नी डिंपल यादव के साथ नज़र आ रहे हैं । पीछे कृष्ण की एक बड़ी-सी मूर्ति दिख रही है, जो अखिलेश यादव अपने परिवार के पैतृक गांव सैफई में स्थापित रहे हैं।

अखिलेश यादव ने अपने पोस्ट में लिखा कि जय कान्हा जय कुंजबिहारी जय नंद दुलारे जय बनवारी, श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की सबको अनंत शुभकामनाएं'। भारतीय जनता पार्टी लंबे वक्त से राम के नाम पर वोट मांगती आई है, अब जब राम मंदिर की नींव पड़ गई है तो बीजेपी को 2022 के विधानसभा चुनाव के लिए बड़ा मुद्दा मिल गया है। जो वादा बीजेपी दशकों से कर रही थी, वो पूरा हो रहा है। इसबीच बहुजन समाज पार्टी ने भगवान परशुराम के नाम की आवाज़ उठा दी, जिसमें परशुराम की मूर्ति के साथ-साथ उनकी जयंती पर सरकारी अवकाश की मांग उठाई गई। राम नाम की सियासत के बीच अखिलेश यादव ने अलग रास्ता पकड़ा और यदुवंश के कहलाए जाने वाले कृष्ण की मूर्ति पर काम आगे बढ़ाया। अखिलेश इससे पहले भी कई बार कह चुके हैं कि सभी विष्णु के अवतार हैं और हम हर किसी की पूजा करते हैं।

दरअसल, बीते कुछ वक्त में उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के खिलाफ ब्राह्मण समुदाय की नाराजगी सामने आई है। जिसकी वजह से हर राजनीतिक पाटर्ी ने अपना रुख बदला है, पहले कांग्रेस और फिर बसपा ने ब्राह्मण वोटबैंक में सेंध लगाने की कोशिश की. वहीं, सपा ने अपने वोटबैंक को मजबूत करने के लिए कृष्ण का सहारा ले लिया है। अयोध्या में राम मंदिर के पास सरयू किनारे योगी सरकार भगवान राम की मूर्ति बनवा रही है. तो वहीं कुछ वक्त पहले ही अखिलेश यादव ने सैफई में कृष्ण की मूर्ति बनाने का ऐलान किया था, जो अब लगभग बनकर तैयार हो चुकी है। ये मूर्ति करीब 51 फीट ऊंची है, जिसमें कृष्ण रथपाणी की मुद्रा में दिखाई पड़ रहे हैं । इस मूर्ति का वजन करीब 60 टन है, जिसे सैफई के एक स्कूल के प्रांगण में बनाया जा रहा है। मूर्ति के आसपास कुरुक्षेत्र में हुए महाभारत के युद्ध जैसा स्वरूप दिया जाएगा। जिसमें कृष्ण हाथ में चक्र लिए हुए संबोधन कर रहे हैं।

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