आगराः नहर विभाग में 12 करोड़ का घोटाला, 4 अधिकारियों सहित फंसे 6 जेई

Edited By Ruby,Updated: 05 Aug, 2018 11:50 AM

आगरा में नहर विभाग में नहरों की सफाई के नाम पर 12 करोड़ के घोटाला का मामला सामने आया है। सिंचाई विभाग ने महज 7 दिनों में आगरा जिले की 610 किमी नहर की सफाई कर दी। कागजों में ही हुई इस सफाई में 12 करोड़ की मोटी रकम खर्च कर डाली। 12 करोड़ के इस घोटाले...

आगराः आगरा में नहर विभाग में नहरों की सफाई के नाम पर 12 करोड़ के घोटाला का मामला सामने आया है। सिंचाई विभाग ने महज 7 दिनों में आगरा जिले की 610 किमी नहर की सफाई कर दी। कागजों में ही हुई इस सफाई में 12 करोड़ की मोटी रकम खर्च कर डाली। 12 करोड़ के इस घोटाले में आगरा के सिंचाई विभाग के अधिकारी पूरी तरह फंस गए हैं। न्यायालय के आदेश पर आगरा के थाना सदर में चार अधिकारियों, 6 जूनियर इंजीनियर सहित 11 अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई है। जिसके बाद से नहर विभाग में अफरातफरी मच गई है। 
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जानिए पूरा मामला 
दरअसल सिंचाई विभाग को 2017-18 वित्तीय वर्ष नहरों की सफाई के लिए 12 करोड़ रुपए आवंटित किए गए। आगरा परिक्षेत्र में नहरों की लंबाई टेल समेत करीब 610 किलोमीटर है। 28 अक्टूबर 2018 को टेंडर निकालने के बाद 6 नवंबर को टेल में पानी पहुंचने की सूचना नहर विभाग की ओर से सार्वजनिक की गई। किसानों ने नहर में पानी ना आने और उसकी सफाई ना होने को लेकर अधिकारियों से शिकायत भी की लेकिन सभी एक दूसरे को बचाने में लगे रहे।
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दिए जांच के आदेश
मंडलीय समीक्षा बैठक में मामला उद्यान सचिव तक पहुंचने के बाद जांच के आदेश हुए लेकिन जांच चलती रही पर नतीजा नहीं आया। इसके बाद सीडीओ आगरा ने दोबारा जांच गठित की लेकिन इसका भी नतीजा शूूूून्य रहा। अब जांच में शामिल अधिकारियों के वेतन रोकने के आदेश दिए गए। इसलिए जांच में कुछ तेजी आई है और दावा किया जा रहा है कि जल्द ही जांच पूरी कर रिपोर्ट सौंप दी जाएगी। किसान नेता श्याम सिंह चाहर ने सिंचाई विभाग में चल रहे घोटालों को लेकर कई शिकायतें दर्ज कराई। कोई कार्रवाई न होते देख उन्होंने कोर्ट की शरण ली। अब न्यायालय के आदेश पर 11 अधिकारी कर्मचारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। 

न्यायालय के आदेश पर 11 लोगों पर मुकदमा दर्ज
न्यायालय की दखल के बाद सिंचाई विभाग के अधीक्षण अभियंता स्वदेश कुमार जैन, अधिशासी अभियंता एमएस कसाना, एसडीओ एनके त्रिपाठी, एसडीओ जोगेन्द्र पाल के अलावा जूनियर इंजीनियर ओमकार, यशवीर सिंह, फकीर चंद, बृज किशोर, विजय कुमार, कमलेन्द्र पुंडीर के साथ अज्ञात लोगों में विभाग के कर्मचारी और ठेकेदार के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ हैं। इन सभी के खिलाफ धारा 109, 120 बी, 166, 167, 217, 409, 420, 430, 466, 467, 468, 471, 477-ए, 506 सहित कुल 14 धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ है। 

बहराल न्यायालय के आदेश पर भ्रष्ट अधिकारियों पर मुकदमा तो दर्ज हो गया, लेकिन किसानों के हुए नुकसान की भरपाई कर पाना नामुमकिन है।

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