Edited By Ruby,Updated: 07 Oct, 2018 02:51 PM
भाजपा सरकार में अधिकारी कितने बेलगाम ओर निरंकुश हो गए हैं इसकी बानगी आगरा के सर्किट हाउस में देखने को मिली। यहां विज़न डॉक्यूमेंट्री के लिए बैठक बुलाई गई। बैठक में पहुंचे भाजपा के कैबिनेट मंत्री एस.पी. सिंह बघेल के सामने आगरा कमिश्नर अनिल कुमार अपनी...
आगराः भाजपा सरकार में अधिकारी कितने बेलगाम ओर निरंकुश हो गए हैं इसकी बानगी आगरा के सर्किट हाउस में देखने को मिली। यहां विज़न डॉक्यूमेंट्री के लिए बैठक बुलाई गई। बैठक में पहुंचे भाजपा के कैबिनेट मंत्री एस.पी. सिंह बघेल के सामने आगरा कमिश्नर अनिल कुमार अपनी मर्यादा भूल गए।
दरअसल कैबिनेट मंत्री की जगह खुद मध्य कुर्सी पर बैठ गए। जबकि उनके साथ वाली कुर्सी पर डीएम आगरा एन.जी. रवि कुमार बैठे थे और उनके बाद कैबिनेट मंत्री एस. पी. सिंह बघेल को कुर्सी पर बैठने की जगह दी, लेकिन जैसी ही मामला मीडिया के संज्ञान में आया और कैमरे मे रिकॉर्ड हो गया तो आगरा कमिश्नर अनिल कुमार आनन- फानन में मुख्य कुर्सी छोड़कर मंत्री को जगह दी।
बता दें कि आगरा कमिश्नर अनिल कुमार की तानाशाही का ये पहला मामला नहीं है। कुछ दिन पहले भी मथुरा में तहसील दिवस में पहुंची एक पीड़ित महिला पैरो में गिरकर फरियाद करती रही और अपने अहम में डूबे आगरा कमिश्नर अनिल कुमार ने पीड़ित महिला को भी नज़र अंदाज़ कर दिया था। तब भी साहब सुर्खियों में आए थे। सवाल है कि क्या आगरा कमिश्नर मंत्री और जन प्रतिनिधियों का सम्मान करना नहीं जानते या खुद से ज्यादा सम्मान देना नहीं चाहते।