सूरत अग्निकांड के बाद कोचिंग सेंटरों, पेट्रोल पंप और विद्यालयों में सुरक्षा को लेकर प्रशासन हुआ सख्त

Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 26 May, 2019 05:23 PM

after the surat massacre

सूरत में हुए दर्दनाक हादसे के बाद उत्तर प्रदेश का हमीरपुर जिला प्रशासन एकदम चौकन्ना हो गया है और इसी क्रम में सभी सरकारी और गैर सरकारी विद्यालयों , कोचिंग सेंटरों और पेट्रोल पंपों पर सुरक्षा के इंतजाम कडे करने के निर्देश जारी कर दिये गये हैं...

हमीरपुरः सूरत में हुए दर्दनाक हादसे के बाद उत्तर प्रदेश का हमीरपुर जिला प्रशासन एकदम चौकन्ना हो गया है और इसी क्रम में सभी सरकारी और गैर सरकारी विद्यालयों , कोचिंग सेंटरों और पेट्रोल पंपों पर सुरक्षा के इंतजाम कडे करने के निर्देश जारी कर दिये गये हैं।

मुख्य अग्निशमन अधिकारी(सीएफओ) रोहित पाल ने रविवार को बताया कि सूरत जैसी कोई घटना जिले में न होने पाये इसके लिए सरकारी और गैर सरकारी विद्यालयों के अलावा कोचिंग संस्थानों के साथ साथ पेट्रोल पंपों पर सुरक्षा के इंतजाम पूरी मुस्तैदी से करने के आदेश दे दिये गये हैं। इन सभी जगहों पर अग्निशमन यंत्र लगाने के सख्त आदेश दिये गये हैं। प्रत्येक पेट्रोल मालिक को आदेश किया है कि वह हर हाल में पंप के बगल में वाटर टैंक व वाटर हाइडेंट अवश्य लगाये ताकि किसी दुर्घटना की स्थिति में उससे तुरंत निपटा जा सके।

वहीं कल पुलिस अधीक्षक हेमराज मीना ने सीएफओ से विचार विमर्श कर जिले में इस मामले में पूरी तरह एलटर् रहने कोिं कहा है। सीएफओ ने बताया कि सूरत में हुए हादसे में छात्रों की मौत के बाद पूरे जिले के प्राइमरी व जूनियर विद्यालयों ,कोचिंग सेटरों में अग्निशमन टीम जाकर आग से सावधान रहने व अग्निशमन यंत्र लगवाने एवं उनके चालू रखने के सख्त आदेश दे दिये गये है। जिले में प्राइमरी व जूनियर विद्यालयों की सख्या करीब ग्यारह सौ से ज्यादा है। इसी प्रकार रजिस्टडर् कोचिंग सेंटरों की सख्या करीब चालीस है जिन्हे अग्शिशमन यंत्र लगाने के लिये कहा गया है।

पूरे जिले में पंद्रह मीटर से ऊंची इमारतों का सर्वे किया जायेगा और ऐसे मकान मालिकों को आग से बचाव के लिये पूरी तरह जागरुक कर सभी में उपकरण लगवाये जायेगे हालांकि उन्होंने दावा किया है कि जिले में पंद्रह मीटर से ज्यादा ऊंची इमारत कोई नही है। फिर भी सर्वे कराया जायेगा। सड़कों में अग्निशमन दस्ते में पानी भरने के लिये जिले भर में 18 वाटर हाइडेट स्थापित है जिन्हे चिंहित कर चालू कराया जायेगा। ताकि आग लगने के बाद इन हाइडेंटों से आसानी से पानी भरा जा सके। अब हर पुराने पेट्रोल पंप संचालकों को भी पंप के बगल में छोटा सा वाटर टैंक व वाटर हाइडेंट लगाना आवश्यक है जो भी नये पेट्रेल पंप स्थापित किये जा रहे है,उसमें तभी एनओसी(अनापत्ति प्रमाण पत्र) दिया जायेगा जब वह छोटा सा टैंक और वाटर हाइडेंट स्थापित कर लेगा।

जिला पूर्ति अधिकारी(डीएसओ) जतिन राम यादव का कहना है कि पंपो में अग्निशमन यंत्र लगे रहते है उनसे ही उनका काम चलाया जा सकता है मगर यदि कोई शर्त है तो उसे हर हाल में पूरा करना चाहिये। यही नही राशन की दुकानोमिंें भी अग्निशमन यंत्र स्थापित करने के आदेश है मगर किसी भी राशन की दुकान में यंत्र नही लगाये गये है। यहां बताना आवश्यक है कि सरकारी विभागो में जो भी अग्निशमन यंत्र लगे है उनमें ज्यादातर खराब पड़े हुये है यहां तक कि कई कई वर्षों से गैस की रिफलिंग नही करायी गयी है। यदि कभी भी कोई दुर्घटना होती है तो भारी क्षति हो सकती है। सीएफओ का कहना है कि सरकारी विभाग को वह केवल आदेश जारी कर सकते है ताकि किसी भी दुर्घटना से बचा जा सके। यंत्र लगाने की जिम्मेदारी विभाग की होती है वह केवल तकनीक की जानकारी दे सकते है।

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