पॉलीथिन के बाद 15 अगस्त से थर्मोकोल और दो अक्टूबर से डिस्पोजेबल पॉलीबैग्स होगा बैन: योगी

Edited By Ajay kumar,Updated: 11 Jul, 2018 08:52 AM

after the polyethylene thermocol from august 15 will be ban yogi

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन की सफलता के लिए प्लास्टिक, पॉलीथीन आदि के उपयोग के बैन के साथ-साथ 15 अगस्त से थर्मोकोल और दो अक्टूबर से सभी डिस्पोजेबल पॉलीबैग्स के उपयोग को बैन किया जाएगा।

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन की सफलता के लिए प्लास्टिक, पॉलीथीन आदि के उपयोग के बैन के साथ-साथ 15 अगस्त से थर्मोकोल और दो अक्टूबर से सभी डिस्पोजेबल पॉलीबैग्स के उपयोग को बैन किया जाएगा।  

योगी ने यहां मंगलवार देर शाम वीडियो कॉन्फ्रेङ्क्षन्सग के माध्यम से राज्य के सभी मण्डलायुक्तों, जिलाधिकारियों, नगर आयुक्तों, समस्त विकास प्राधिकरणों के उपाध्यक्षों को संबोधित करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार ने पूरे राज्य में प्लास्टिक तथा पॉलीथीन को बैन करने का निर्णय लिया है। सभी जिलाधिकारी अपने-अपने जिलों में प्लास्टिक, पॉलीथीन, थर्मोकोल इत्यादि से निर्मित कप, ग्लास, प्लेटों इत्यादि के उपयोग को प्रतिबन्धित करना सुनिश्चित करें। 

 मुख्यमंत्री ने कहा कि प्लास्टिक और पॉलीथीन के उपयोग पर चरणबद्ध ढंग से बैन लगाया जाएगा। उन्होंने कहा कि 15 जुलाई, से 50 माइक्रॉन के पॉलीबैग के इस्तेमाल को प्रतिबन्धित किया जाएगा। उसके एक माह बाद 15 अगस्त से प्लास्टिक, थर्मोकोल आदि से निर्मित कप, ग्लास, प्लेटों इत्यादि के उपयोग को प्रतिबन्धित किया जाएगा जबकि दो अक्टूबर से सभी डिस्पोजेबल पॉलीबैग्स के उपयोग को बैन किया जाएगा। 

योगी ने कहा कि प्लास्टिक, पॉलीथीन तथा थर्मोकोल से निर्मित पॉलीबैग, कप, प्लेट, ग्लास इत्यादि के इस्तेमाल से व्यापक स्तर पर प्रदूषण फैलता है। चूंकि प्लास्टिक, पॉलीथीन से निर्मित पॉलीबैग, कप, प्लेट, ग्लास इत्यादि नष्ट नहीं होते हैं, ऐसे में यह नालों, सीवरों इत्यादि में जमा होकर पानी के निकास को रोकने का काम करते हैं।  

उन्होंने कहा कि प्लास्टिक, पॉलीथीन के उपयोग को रोकने के लिए जनजागरूकता आवश्यक है। इसमें जनता की भागीदारी से साथ-साथ व्यापारियों की सहभागिता भी सुनिश्चित की जाए। सभी को प्लास्टिक तथा पॉलीथीन के उपयोग को रोकने के लिए प्रेरित किया जाए। उन्हें इससे होने वाले पर्यावरण प्रदूषण के विषय में विस्तृत जानकारी दी जाए। उन्होंने आशा व्यक्त की कि जागरूकता आने पर लोग स्वयं भी प्लास्टिक और पॉलीथीन से बनी वस्तुओं के उपयोग को छोड़ देंगे। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्लास्टिक, पॉलीथीन तथा थर्मोकोल से निर्मित पॉलीबैग, कप, प्लेट, ग्लास इत्यादि चूंकि उपयोग के बाद फेंक दिए जाते हैं, ऐसे में यह नदियों, तालाबों, कुंओं इत्यादि को बुरी तरह से प्रदूषित करते हैं। इनसे जानवरों को भी नुकसान होता है। उन्होंने सभी जिलाधिकारियों से अपने-अपने जिले में प्लास्टिक तथा पॉलीथीन के बैन के विषय में लोगों को जागरूक करते हुए इसे चरणबद्ध तरीके से लागू करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इस विषय में व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए। 

उन्होंने ने वन क्षेत्र बढ़ाने और पर्यावरण सरंक्षण के लिए सभी जिलाधिकारियों को पूरे प्रदेश में 15 अगस्त के दिन वृक्षारोपण कार्यक्रम में व्यापक स्तर पर जनसहभागिता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में नौ करोड़ वृक्षारोपण का लक्ष्य पाने के लिए प्रदेश की प्रत्येक ग्राम पंचायत, नगर पंचायत, नगर पालिका, नगर निगम, विकास प्राधिकरण में वृक्षारोपण कराया जाए। राज्य स्तरीय तथा अन्य विभागों को भी इस कार्य में शामिल किया जाए। जनपद स्तर पर मुख्यालय तथा विकास खण्ड में वृक्षारोपण कराया जाए। इसके अलावा, समस्त स्कूल, कॉलेज, कार्यालय परिसर में भी वृक्षारोपण कराया जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वृक्षारोपण के इस पुनीत कार्य में कृषकों, स्वयंसेवी संस्थाओं, विद्यार्थियों इत्यादि की सहभागिता सुनिश्चित की जाए। इसके अलावा, समस्त जनप्रतिनिधियों तथा पत्रकारों को भी वृक्षारोपण कार्यक्रम में प्रतिभाग के लिए आमंत्रित किया जाए। इस अभियान के विषय में जागरूकता लाने के लिए प्रभात फेरी निकालने के अलावा नुक्कड़ नाटकों का आयोजन किया जाए। व्यापक प्रचार-प्रसार एवं जन सन्देश देने के लिए इलेक्ट्रॉनिक और पिं्रट मीडिया तथा सोशल मीडिया में माध्यम से प्रचार सुनिश्चित किया जाए। 

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