रामपुर के बाद अब अन्य मुस्लिम बाहुल्य सीटों पर BJP की नजर: अमरोहा पहुंचीं केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी, बूथों को मजबूत करने का कार्यकर्ताओं को दिया मंत्र

Edited By Mamta Yadav,Updated: 14 Jul, 2022 07:26 PM

after rampur bjp s eyes on other muslim majority seats

उत्तर प्रदेश की रामपुर लोकसभा सीट पर हाल ही में हुए उपचुनाव में जीत से गदगद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अब मुस्लिम बाहुल्य सीटों पर जीत की तैयारियों में जुट गई है। इसके मद्देनजर पार्टी ने प्रदेश के अन्य मुस्लिम बहुल इलाकों में आगामी निकाय चुनाव और...

अमरोहा: उत्तर प्रदेश की रामपुर लोकसभा सीट पर हाल ही में हुए उपचुनाव में जीत से गदगद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अब मुस्लिम बाहुल्य सीटों पर जीत की तैयारियों में जुट गई है। इसके मद्देनजर पार्टी ने प्रदेश के अन्य मुस्लिम बहुल इलाकों में आगामी निकाय चुनाव और 2024 में लोकसभा चुनाव की बिसात बिछानी शुरू कर दी है।

इसी सिलसिले में केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी गुरुवार को दो दिवसीय दौरे पर अमरोहा पहुंची। भाजपा जिलाध्यक्ष डा.ऋषिपाल नागर की अगुवाई में पार्टी के जिला कार्यालय पर लेखी का जोरदार स्वागत किया गया। इसके बाद केंद्रीय मंत्री ने जिला इकाई के पदाधिकारियों की परिचायात्मक बैठक मे संगठन के साथ साथ लोकसभा क्षेत्र के बारे में जानकारी जुटाई।        

संगठन की मजबूती तथा सरकार की उपलब्धियों और जनकल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन के बारे में जानकारी एकत्र कर लेखी ने बूथ स्तर पर संगठन की मजबूती के लिए दिशा निर्देश दिये। इस दौरान उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही जनकल्याणकारी नीतियों एवं विभिन्न विकास कार्यों पर विस्तृत चर्चा की। उन्होंने अमरोहा में पार्टी के पदाधिकारियों एवं मंडल अध्यक्षों के साथ बैठक कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘मन की बात' कार्यक्रम को रेडियो पर हर महीने कार्यकर्ताओं एवं मतदाताओं के साथ बूथ पर सुनना सुनिश्चित करने का आग्रह किया। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आगामी सभी चुनाव के लिए पदाधिकारी कमर कस लें।      

गौरतलब है कि 2019 के चुनाव में मोदी लहर के बावजूद भी भाजपा अमरोहा में जीत हासिल नहीं कर सकी थी। गठबंधन से बसपा के कुंवर दानिश अली ने भाजपा के कंवर सिंह तंवर को हरा कर जीत हासिल की थी। अब भाजपा रामपुर की तर्ज पर मिशन 2024 मे यहां भी फतह हासिल करना चाहती है। लेखी को इस सीट का प्रभारी बनाना इसी रणनीति का हिस्सा है। जानकारों की राय में मुस्लिम बाहुल्य अमरोहा संसदीय सीट पर मुस्लिम मतों की एकजुटता तथा अन्य जातियों के वोट बंटवारे की वजह से भाजपा के लिए जीत की राह आसान नहीं है। इससे पहले 2014 में मुस्लिम मतों के विभाजन के कारण ही भाजपा यहां जीत हासिल कर सकी थी।       

लेखी ने इलाके में जातीय समीकरणों के गुणा गणित को देखते हुए पार्टी कार्यकर्ताओं को अनुशासन में रहकर काम करने एवं संगठन को बूथ स्तर तक मजबूत बनाने की बात कही। गौरतलब है कि कभी मुरादाबाद का हिस्सा रहे अमरोहा को 15 अप्रैल 1997 को तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती ने पहली बार ज्योतिबा फुले नगर नाम से जिले का दर्जा दिया था। हालांकि सपा सरकार ने जिले का नाम बदलकर अमरोहा कर दिया।       

अमरोहा लोकसभा सीट पर दो बार भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के इशाक सम्भली जीते। इसके साथ ही यहां के मतदाताओं ने पूर्व क्रिकेटर चेतन चौहान को भी दो बार सांसद बनाया और निर्दलीय हरीश नागपाल को भी संसद पहुंचाया। बाद में हरीश के भाई देवेंद्र नागपाल राष्ट्रीय लोकदल और बसपा से राशिद अल्वी यहां से सांसद रह चुके हैं। चुनाव समिति की 2009 की रिपोटर् के अनुसार इस क्षेत्र में मतदाताओं की संख्या 1,173,915 है। यहां लिंगानुपात के मुताबिक प्रति 1000 पुरुषों पर 910 महिलायें हैं। इस क्षेत्र की औसत साक्षरता दर 63.84 प्रतिशत है, इनमें 74.54 प्रतिशत पुरुष और 52.10 प्रतिशत महिलाएं साक्षर हैं।       

अमरोहा लोकसभा सीट से इस वक्त बसपा के दानिश अली सांसद हैं। इससे पहले साल 2014 में यहां पर भाजपा के कंवर सिंह तंवर ने सपा के हुमेरा अख्तर को हराया था।

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