Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 31 Jan, 2019 06:03 PM
बसपा सुप्रीमो मायावती के मुख्यमंत्री कार्यकाल के दौरान हुए स्मारक घोटाले को लेकर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए यूपी की 7 जगहों पर ताबड़तोड़ छापेमारी की है। राजधानी लखनऊ, गोमती नगर, अलीगंज, हजरतगंज सहित एनसीआर में ईडी का छापा...
लखनऊः बसपा सुप्रीमो मायावती के मुख्यमंत्री कार्यकाल के दौरान हुए स्मारक घोटाले को लेकर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए यूपी की 7 जगहों पर ताबड़तोड़ छापेमारी की है। राजधानी लखनऊ, गोमती नगर, अलीगंज, हजरतगंज सहित एनसीआर में ईडी का छापा पड़ने से हड़कंप मच गया है। बताया जा रहा है कि ईडी मायावती से पूछताछ भी कर सकती है। ऐसे में कयास लगाए जा रहा है कि चुनाव से पहले ईडी की बड़ी कार्रवाई से मायावती की परेशानियां बढ़ सकती हैं। इससे पहले ईडी ने खनन घोटाला मामले में अखिलेश यादव पर शिंकजा कसा।
बता दें कि 2007 से 2011 तक के कार्यकाल में स्मारक और मूर्तियों के नाम पर 1400 करोड़ रुपये के मामले में ईडी की छापेमारी जारी है। गुरुवार को निर्माण निगम के तत्कालीन एमडी सीपी सिंह के आवास पर भी छापेमारी की गई। इसके साथ ही फर्मों और निर्माण निगम इंजीनियरों के ठिकानों पर ईडी की छापेमारी जारी है। बताया जा रहा है कि लखनऊ के भी कई अधिकारी ईडी के राडार पर हैं।
अधिकारियों ने कहा कि केंद्रीय जांच एजेंसी ने 2014 की राज्य सतर्कता विभाग की शिकायत पर संज्ञान लेते हुए इन मामलों की जांच के लिये धन शोधन निरोधक अधिनियम (पीएमएलए) के तहत एक आपराधिक मामला दर्ज किया है। उन्होंने कहा कि यह छापेमारी 7 जगहों पर की गई और इनमें कुछ अधिकारियों और निजी लोगों के ठिकाने शामिल हैं।
सतर्कता विभाग की शिकायत दंड प्रक्रिया संहिता और भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज की गयी थी और यह स्मारकों के निर्माण में कथित वित्तीय अनियमितता से जुड़ा है जिनमें पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के 2007 से 2012 के कार्यकाल के दौरान बसपा के संस्थापक कांशीराम और पार्टी के चुनाव चिन्ह ‘हाथी’ की प्रतिमाएं भी शामिल हैं। आरोप है कि इस कृत्य से सरकारी खजाने को 111,44,35,066 रुपये का नुकसान हुआ और लोकसेवकों व निजी व्यक्तियों को अवैध फायदा हुआ।
मायावती के नेतृत्व वाली सरकार ने लखनऊ, नोएडा और राज्य में कुछ अन्य जगहों पर 2600 करोड़ रुपये की लागत से स्मारक, मूॢतयां और पार्क बनवाए थे। उप्र लोकायुक्त ने पूर्व में मायावती के दो मंत्रिमंडलीय सहयोगियों- नसीमुद्दीन सिद्दकी और बाबू सिंह कुशवाहा के अलावा 12 बसपा विधायकों और कुछ अन्य को स्मारकों के लिये बलुआ पत्थरों की खरीद में कथित च्च्गड़बडिय़ों’’ में दोषी ठहराया था। लोकायुक्त की रिपोर्ट पर सतर्कता विभाग द्वारा उनके खिलाफ 2014 में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी।