सहयोगी दल के मान जाने के बाद रास चुनाव में BJP ने ली राहत की सांस

Edited By Punjab Kesari,Updated: 21 Mar, 2018 02:19 PM

after accepting support of the allies bjp breathed his last in the elections

उत्तर प्रदेश में होने वाले राज्यसभा चुनाव से ठीक पहले सहयोगी दल सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के अपने तेवर नरम कर लेने से भाजपा ने राहत की सांस ली है।

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में होने वाले राज्यसभा चुनाव से ठीक पहले सहयोगी दल सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के अपने तेवर नरम कर लेने से भाजपा ने राहत की सांस ली है।

प्रदेश में राज्यसभा चुनाव के लिए केवल 2 दिन बचे हैं। भाजपा के पास हालांकि इतने वोट है कि वह आराम से अपने 8 प्रत्याशियों को राज्यसभा में भेज सकती है लेकिन पार्टी के 9वें प्रत्याशी की जीत के लिए अपने सहयोगी दल सुभासपा के 4 वोट बहुत महत्वपूर्ण है। 403 सदस्यों वाली उत्तर प्रदेश विधानसभा में भाजपा और उसके सहयोगियों के पास 324 सीटें हैं। अभी हाल ही में नूरपुर सीट से भाजपा विधायक की सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी।

समाजवादी पार्टी के 47 विधायक, बसपा के 19 विधायक, कांग्रेस के 7 और रालोद का एक विधायक है। राज्यसभा में एक प्रत्याशी को जीतने के लिये 37 प्रथम वरीयता के वोटों की जरूरत होती है। अगर गणित के हिसाब से देखे तो 10 में से आठ सीटे भाजपा आसानी से जीत सकती है। आठ प्रत्याशियों को राज्यसभा में भेजने के बाद 28 अतिरिक्त वोट भाजपा के पास है जिसमें सुभासपा के चार वोट भी शामिल है।

उल्लेखनीय है कि सुभासपा के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने आगाह किया था कि अगर भाजपा सुभासपा की समस्याओं को नहीं सुलझाएगी तो वह आगामी राज्यसभा चुनाव का बहिष्कार करेगी। सुभासपा के पास 4 विधायक हैं। राजभर ने मंगलवार शाम नई दिल्ली में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से मुलाकात कर अपनी समस्याएं बताई और राज्यसभा चुनाव में भाजपा का साथ देने की घोषणा कर दी थी।

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