Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 13 Aug, 2021 04:22 PM
रामनगरी अयोध्या में नागपंचमी के शुभ मुहूर्त पर रामलला चांदी के झूले पर विराजमान हो गए हैं। इसी के साथ ही करीब 498 सालों के बाद राम जन्मभूमि परिसर में रामलला के अस्थाई मंदिर में भगवान राम चांदी के झूले में झूला झूल रहे हैं। रामलला के मुख्य पुजारी...
अयोध्या: रामनगरी अयोध्या में नागपंचमी के शुभ मुहूर्त पर रामलला चांदी के झूले पर विराजमान हो गए हैं। इसी के साथ ही करीब 498 सालों के बाद राम जन्मभूमि परिसर में रामलला के अस्थाई मंदिर में भगवान राम चांदी के झूले में झूला झूल रहे हैं। रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येन्द्र दास और उनके सहयोगी पुजारी प्रदीप दास ने पूजन-अर्चन के बाद रामलला को झूले पर बिठाया। रामलला के इस ठाठ को देख मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास भावुक हो उठे। बता दें कि राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने 21 किलो चांदी का झूला बनवाया है और 498 सालों के बाद रामलला के यहां झूलनोत्सव हो रहा है। इस खास मौके पर रामलला के मंदिर को भी सुंदर फूलों से सजाया गाया है।
गौरतलब है कि रामनगरी अयोध्या में 11 अगस्त से झूला मेला शुरू हो गया है। हालांकि कोरोना के चलते इस साल ये झूला महोत्सव धूमधाम से नहीं मनाया जा रहा है, लेकिन मंदिरों में भगवान को रक्षाबंधन तक झूला झूलाया जाएगा। साथ ही, गीत भी सुनाए जाएंगे। वहीं राम जन्मभूमि परिसर में भी रामलाल चांदी के झूले विराजमान हैं। ऐसा पहली बार हो रहा है कि रामलला के लिए चांदी का खास झूला तैयार करवाया गया है। यह खास झूला बुधवार को रामलला को सौंप दिया गया था। वहीं, नागपंचमी वाले दिन से रामलला झूला पर विराजमान हो गए हैं।