Edited By Ruby,Updated: 16 Oct, 2018 03:34 PM
उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले के ग्रामीण क्षेत्र में तीन हजार विकलांग ऐसे हैं जो पेंशन तो पाते है, लेकिन उन्हें मतदाता सूची में शामिल नहीं किया गया है। जिला विकलांग कल्याण अधिकारी अभय कुमार सागर ने बताया कि पेंशन पाने वाले विकलांगो की गांव स्तर की...
हमीरपुरः उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले के ग्रामीण क्षेत्र में तीन हजार विकलांग ऐसे हैं जो पेंशन तो पाते है, लेकिन उन्हें मतदाता सूची में शामिल नहीं किया गया है। जिला विकलांग कल्याण अधिकारी अभय कुमार सागर ने बताया कि पेंशन पाने वाले विकलांगो की गांव स्तर की सूची निर्वाचन कार्यालय को सौंप दी है ताकि इनका नाम मतदाता सूची में शामिल किया जा सके।
उन्होंने बताया कि जिले में पेंशन पाने वाले विकलांगों की सख्या छह हजार से अधिक है, लेकिन मतदाता सूची में मात्र 3 हजार से भी कम का नाम दर्ज है। शेष विकलांग वोट डालने से कई सालो से वंचित हो रहे हैं। शासन ने वीडियो काफ्रेंसिग के जरिए निर्देश दिए हैं कि विकलांगो की मतदाता सूची में नाम अवश्य दर्ज होना चाहिए।
सागर ने बताया कि सबसे ज्यादा खराब स्थिति कुरारा ब्लाक की है जहां पर एक हजार से अधिक विकलांगो को मतदाता सूची में शामिल नहीं किया गया। समय-समय पर मतदाता सूची का पुनरीक्षण कार्यक्रम चलता है लेकिन ग्रामीण क्षेत्र में बीएलओ विकलांगो को मतदाता सूची में शामिल नहीं करते हैं। वंचित मतदाताओं की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है।
ग्राम प्रधानों ने बताया कि गांवों में जिन विकलांगो को शामिल नहीं किया गया है उनमें ज्यादातर लोग दोनों आंख से विकलांग बताए जाते हैं। इन विकलांगों को जानबूझकर शामिल नहीं किया जाता है। विकलांग कल्याण अधिकारी ने बताया कि जिले के सभी विकलांगो को मतदाता सूची में शामिल करने का प्रयास किया जा रहा है।