Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 15 Dec, 2019 06:33 PM
यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण में वर्ष 2013/ 14 में हुए 126 करोड़ के भूमि घोटाले के सिलसिले में आज थाना बीटा-2 पुलिस ने यमुना विकास प्राधिकरण के पूर्व अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी...
नोएडाः यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण में वर्ष 2013/ 14 में हुए 126 करोड़ के भूमि घोटाले के सिलसिले में आज थाना बीटा-2 पुलिस ने यमुना विकास प्राधिकरण के पूर्व अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी को गिरफ्तार किया है । इस मामले में पूर्व में 12 लोग गिरफ्तार किये जा चुके हैं।
पुलिस अधीक्षक (देहात) रणविजय सिंह ने बताया कि तीन जून वर्ष 2018 को यमुना विकास प्राधिकरण में तैनात निरीक्षक गजेंद्र सिंह ने थाना बीटा-2 में रिपोर्ट दर्ज करायी थी, कि यमुना विकास प्राधिकरण के तत्कालीन मुख्य कार्यपालक अधिकारी पी सी गुप्ता द्वारा अपने सहयोगी अधिकारियों के साथ मिलकर अपने रिश्तेदारों व मित्रों के माध्यम से ऐसी भूमि सस्ते में खरीद करवायी गई जो प्राधिकरण के किसी प्रयोग में आने योग्य नहीं थी, और उसी जमीन को चिन्हित कर प्राधिकरण की तरफ से उसका दोगुना मुआवजा देकर उसे अधिग्रहित कर लिया गया। इसमें प्राधिकरण को करीब 126 करोड रुपये की हानि हुई।
सिंह ने बताया कि विवेचना के दौरान पुलिस ने पूर्व प्रशासनिक अधिकारी पी सी गुप्ता, संजीव कुमार, सत्येंद्र चौहान, सत्येंद्र सिंह और रमेश बंसल को गिरफ्तार किया जा चुका है जबकि सोनिया बंसल, अनिल कुमार, मनोज कुमार, गौरव कुमार, जोगेश, बृजेश, रणवीर सिंह ने न्यायालय में आत्मसमर्पण कर दिया। अधिकारी ने बताया कि आज इस मामले में फरार चल रहे सतीश कुमार पुत्र रामेश्वर प्रसाद निवासी झिंझाना जनपद शामली को पुलिस ने गिरफ्तार किया है।
वह यमुना विकास प्राधिकरण में अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी के रूप में घोटाले के समय कार्यरत थे। उन्होंने बताया कि घोटाले से संबंधित जो जमीन खरीदी गई थी, उसका क्रय- विक्रय व चिन्ही करण से संबंधित पत्रावलियां अभियुक्त के हस्ताक्षर से ही अग्रसारित की गयी थी।