Edited By Ramkesh,Updated: 10 Oct, 2020 04:13 PM
उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिला प्रशासन ने किसानों से अपली की है कि पराली को खेत में न जलाए। उन्होंने निर्देश देते हुए कहा कि जिस किसी के खेत में पराली जलाये जाने की जानकारी होगी उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी।
जौनपुर:उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिला प्रशासन ने किसानों से अपली की है कि पराली को खेत में न जलाए। उन्होंने निर्देश देते हुए कहा कि जिस किसी के खेत में पराली जलाये जाने की जानकारी होगी उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी। जिलाधिकारी दिनेश कुमार सिंह ने शनिवार को यहां कहा कि कोई भी किसान फसल अवशेष (पराली) खेत में न जलाए बल्कि उसका प्रबंधन कर मृदा स्वास्थ्य को टिकाऊ एवं अक्षुण्ण बनाए। कंबाइन हार्वेस्टर के साथ फसल अवशेष प्रबंधन वाले यंत्र के साथ फसल की कटाई कराए। यदि कोई भी हार्वेस्टर धारक बगैर फसल अवशेष प्रबंधन वाले यंत्रों के कटाई करते हुए पाए गए तो तत्काल उनकी मशीन सीज कर दी जाएगी।
उन्होंने कहा कि किसानों को फसल अवशेष न जलाने के लिए उन्हें जागरूक करने के लिए न्याय पंचायतवार एवं ग्राम पंचायतवार कृषि विभाग तथा राजस्व विभाग के कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है जो आवंटित गांव में पांच अक्टूबर से सभी राजस्व गांव में कैंप लगाकर के किसानों को पराली न जलाने के संबंध में जागरूकता अभियान चलाएंगे साथ ही प्रधानमंत्री किसान के लाभार्थी जो केसीसी लेना चाहते हैं उनका भी फार्म भरवा करके संबंधित बैंकों को भेजेंगे।
सिंह ने बताया कि मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश शासन के निर्देश पर फसल अवशेष जलाए जाने से उत्पन्न हो रहे प्रदूषण की रोकथाम के लिये जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। इसके लिए जिला स्तर पर एक सेल का गठन अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व के यहां होगी, जहां पर प्रत्येक दिन की घटनाओं का अनुश्रवण किए जाने तथा प्रत्येक गांव के ग्राम प्रधान, क्षेत्रीय लेखपाल एवं कृषि विभाग के समस्त क्षेत्र कर्मचारी को किसी भी दशा में पराली न जलाने की घटना रोकने हेत अपने-अपने क्षेत्र में कार्रवाई सुनिश्चित करेंगे।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के आदेश के अनुसार फसल अवशेष को जलाना एक दंडनीय अपराध है इससे होने वाली क्षति की वसूली में दो एकड़ से कम क्षेत्रफल पर 2500 रूपये और दो एकड़ से पांच एकड़ के लिए 5000 रूपये और पांच एकड़ से ऊपर के क्षेत्रफल के लिए 15000 रूपये तक का दंड लगाकर वसूली किए जाने के निर्देश हैं। फसल अवशेष जलाने की पुनरावृत्ति होने पर संबंधित कृषक के विरुद्ध कारावास, अर्थ दंड की व्यवस्था है साथ ही कृषि विभाग द्वारा दी जाने वाली अनुदान अनुदान की धनराशि बंद कर दी जाएगी।