Edited By Anil Kapoor,Updated: 17 Sep, 2018 03:13 PM
उच्चतम न्यायालय ने उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में तेजाब हमले की शिकार तलाक पीड़िता शबनम रानी को कड़ी सुरक्षा मुहैया कराने का सोमवार को आदेश दिया। मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ की पीठ ने....
लखनऊ: उच्चतम न्यायालय ने उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में तेजाब हमले की शिकार तलाक पीड़िता शबनम रानी को कड़ी सुरक्षा मुहैया कराने का सोमवार को आदेश दिया। मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ की पीठ ने शबनम रानी के वकील की दलीलें सुनने के बाद बुलंदशहर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) को शबनम रानी को कड़ी सुरक्षा मुहैया कराने का निर्देश दिया।
खंडपीठ ने शबनम रानी को मुफ्त इलाज उपलब्ध कराने का भी राज्य सरकार को आदेश दिया। साथ ही, मुआवजे के बारे में भी विचार करने को कहा है। न्यायालय ने उत्तर प्रदेश सरकार से कहा कि शबनम रानी जब कभी घर से बाहर जाएगी, उसकी पर्याप्त सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी। शीर्ष अदालत ने शबनम को भी सलाह दी कि यदि वह उत्तर प्रदेश से बाहर जाती है तो राज्य पुलिस को इसकी सूचना दे।
न्यायमूर्ति मिश्रा ने कहा कि कई मुस्लिम महिलाओं ने निकाह हलाला को चुनौती दी हुई है, ऐसी स्थिति में किसी भी याचिकाकर्ता को यदि जान का खतरा महसूस होता है तो वह अपने क्षेत्र की पुलिस से सम्पर्क कर सकती हैं। दिल्ली के ओखला की रहने वाली शबनम रानी की शादी उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर निवासी मुजम्मिल से हुई थी। शादी के कुछ समय के बाद ही उसके पति ने उसे तलाक दे दिया था।
पीड़िता के अनुसार तलाक के कुछ समय बाद ही उसके पति ने उस पर देवर के साथ निकाह हलाला करने का दवाब भी बनाया था। शबनम पर बुलंदशहर में 13 सितम्बर को तेजाब हमला किया गया था, जिसके बाद उसे गंभीर हालत में जिला अस्पताल में भर्ती करवाया गया, जहां उसका इलाज चल रहा है। आरोप है कि शबनम रानी पर उसके देवर ने अपने दोस्तों के साथ मिलकर तेजाब फेंका है। इस मामले में शबनम के देवर और अन्य के खिलाफ पुलिस ने मामला दर्ज किया है। पुलिस के मुताबिक आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है।