Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 25 Jul, 2018 01:29 PM
एक तरफ सरकार सर्व शिक्षा अभियान की योजना पर करोड़ों रुपए खर्च कर बच्चों को पढ़ने के लिए प्रेरित कर रही है। तो वहीं दूसरी तरफ बच्चों को पढ़ाने की जिम्मेदारी लेने वाले की इसकी जमकर धज्जियां उड़ा रहे हैं। कभी बच्चों के हाथ में किताबों की जगह गुरुजनों...
बुलंदशहरः एक तरफ सरकार सर्व शिक्षा अभियान की योजना पर करोड़ों रुपए खर्च कर बच्चों को पढ़ने के लिए प्रेरित कर रही है। तो वहीं दूसरी तरफ बच्चों को पढ़ाने की जिम्मेदारी लेने वाले की इसकी जमकर धज्जियां उड़ा रहे हैं। कभी बच्चों के हाथ में किताबों की जगह गुरुजनों ने झाड़ू थमा देते हैं, तो कभी सैंकड़ों बच्चों के इकट्ठे बैठा देते हैैं। ताजा मामला हैरान कर देने वाला है। जहां स्कूल में शिक्षिकाएं बच्चों से पंखा झलवा रही हैं। स्कूलों की ऐसी दशा देखकर हर कोई ये कहने को मजबूर हो जाएगा कि ऐसे में कैसे पढ़े, और बढ़े।
मामला चावली गांव के प्राथमिक विद्यालय का है। यहां कि एक अध्यापिका मासूम बच्चों पढ़ाई करवाने की जगह उनसे पंखा झलवा रही हैं। इतना ही नहीं इस विद्यालय की शिक्षिकाएं सारा दिन मोबाइल में व्यस्त रहती हैं। यहां स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों का कहना है कि अध्यापिका हर रोज स्कूल आकर बच्चों को पंखा थमा देती हैं। वहीं स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को आरोपी शिक्षिकाओं ने इस कदर डरा दिया है कि वो स्कूल में निरिक्षण करने वाले अधिकारीयों के सामने जुबान तक नहीं खोलते हैं।
ऐसा नहीं हैं की बुलंदशहर शिक्षा विभाग अध्यापिकाओं के इन कारनामों से अनजान हों लेकिन फिर बेसिक शिक्षा अधिकारी इन शिक्षिकाओं पर मेहरबान हैं। वहीं अध्यापिकाओं ये कारनामा शोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। अब बेसिक शिक्षा अधिकारी इस प्रकरण की जांच कराने की बात कर रहे हैं।
अब देखना होगा कि बेसिक शिक्षा अधिकारी आरोपी शिक्षिकाओं के खिलाफ कोई कार्रवाई करते भी हैं। या फिर इस विधालय में बच्चों से यूँही सेवा ली जाती रहेगी।