Edited By Anil Kapoor,Updated: 18 Jun, 2018 01:51 PM
सेवईयों का त्योहार ईद को बीते पूरे 2 दिन हो चुके हैं मगर चुनावी साल में राजधानी लखनऊ के व्यस्ततम चौराहे हजरतगंज पर लगा एक पोस्टर बसपा और सपा की नई नवेली मित्रता की मिठास का संदेश नवाब नगरी समेत पूरे प्रदेश को दे रहा है।
लखनऊ: सेवईयों का त्योहार ईद को बीते पूरे 2 दिन हो चुके हैं मगर चुनावी साल में राजधानी लखनऊ के व्यस्ततम चौराहे हजरतगंज पर लगा एक पोस्टर बसपा और सपा की नई नवेली मित्रता की मिठास का संदेश नवाब नगरी समेत पूरे प्रदेश को दे रहा है। पोस्टर में सपा अखिलेश यादव और बसपा प्रमुख मायावती साथ-साथ हैं जो मुस्लिम भाइयों को ईद की मुबारकबाद पेश कर रहे हैं। सपा के चुनावी झंडे वाले बैंकग्राउंड पर उकेरी गई तस्वीर से बसपा प्रमुख को भले ही एतराज न हो मगर कुछ अरसा पहले तक एक दूसरे के धुर विरोधी दलों के मुखियाओं की साझा तस्वीर भाजपा के समर्थकों के दिलों पर सांप लुटाने के लिए काफी है।
गौरतलब है कि हाल ही में सम्पन्न उपचुनाव में सपा ने बसपा के समर्थन से 3 सीटों पर भाजपा को पटखनी दी थी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के संसदीय क्षेत्र रह चुके गोरखपुर और उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के संसदीय क्षेत्र फूलपुर में भाजपा प्रत्याशी को करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा था जबकि बाद में पश्चिमी उत्तर प्रदेश की अति महत्वपूर्ण कैराना सीट पर भी भाजपा को राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) के हाथों हार मिली थी।
इससे पहले 2014 के लोकसभा चुनाव में मोदी मैजिक के चलते उत्तर प्रदेश में बसपा का सूपड़ा साफ हो गया था जबकि यादव परिवार के बूते सपा को 5 सीटों पर संतोष करना पड़ा था। कांग्रेस महज 2 सीटों पर सिमट कर रह गई थी जबकि भाजपा को 73 सीटों पर जीत मिली थी। उपचुनाव में मिली जीत से उत्साहित दोनो पार्टियां गठबंधन कर अगले साल होने वाला लोकसभा चुनाव साथ मिलकर लड़ सकती है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव हाल ही में सार्वजनिक रूप से बसपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ने की मंशा जता चुके हैं जबकि बसपा सुप्रीमो से भी इस बारे में अनुकूल संकेत मिलने लगे हैं।