Edited By Umakant yadav,Updated: 02 Jun, 2020 11:03 AM
वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के बीच देश मुश्किल वक्त से गुजर रहा है। इस वक्त में सबसे अधिक कोई परेशान है तो वो प्रवासी है, जिन्हें संकट से उबारने के लिए बहुत से मसीमा सामने आ रहे हैं। ऐसे ही एक मसीमा कुली...
लखनऊ: वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के बीच देश मुश्किल वक्त से गुजर रहा है। इस वक्त में सबसे अधिक कोई परेशान है तो वो प्रवासी है, जिन्हें संकट से उबारने के लिए बहुत से मसीमा सामने आ रहे हैं। ऐसे ही एक मसीमा कुली मुजीबुल्लाह लखनऊ रेलवे स्टेशन पर हैं जो खुद 80 वर्ष की उम्र में प्रवासी श्रमिकों का सामान उठाने का कोई पैसा नहीं ले रहे हैं। उन्होंने अपनी इस इस नेकी को ‘खिदमत’ का नाम दिया है। उनकी इस दरियादिली ने लोगों का दिल जीत लिया।
बता दें कि मुजीबुल्लाह इतनी उम्र में भी रोज 8 से 10 घंटे काम करते हैं और 50 किलोग्राम वजन तक उठा लेते हैं। उनका कहना है कि यह उनका कर्तव्य है और इस संकट की घटी में बहुत ही अहम है।
वहीं इनकी इस दरियादिली पर एक सोशल मीडिया यूजर ने ईस्टाग्राम पर लिखा कि ऐसे शख्स ही असल नायक कहलाते हैं। वे इंसानियत में यकीन रखते हैं। वहीं दूसरे ने लिखा कि इन जैसे लोगों से मानवता जिंदा है।