Edited By Anil Kapoor,Updated: 18 Mar, 2019 09:27 AM
उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने सगठित गिरोह बनाकर बैंकों से कार लोन के नाम पर लगभग 8 करोड़ रुपए से अधिक की धोखाधड़ी करने वाले गिरोह के सरगना 25000 के इनामी को रजत कुलश्रेरष्ठ को नोएडा से गिरफ्तार कर लिया।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने सगठित गिरोह बनाकर बैंकों से कार लोन के नाम पर लगभग 8 करोड़ रुपए से अधिक की धोखाधड़ी करने वाले गिरोह के सरगना 25000 के इनामी को रजत कुलश्रेरष्ठ को नोएडा से गिरफ्तार कर लिया। एसटीएफ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अभिषेक सिंह ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि प्रदेश के विभिन्न बैंको से कार लोन के करीब 8 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश कर गिरोह के सरगना इनामी आगरा निवासी रजत कुलश्रेष्ठ को नोएडा के सेक्टर -78 से गिरफ्तार किया गया। उन्होंने बताया कि उसके पास से एक लैपटॉप और अन्य कागजात बरामद किए गए।
उन्होंने बताया कि पिछले कुछ समय से एसटीएफ को विभिन्न बैंको से धोखाधड़ी करके आर्थिक नुकसान कराने वाले गिरोह के सम्बन्ध में सूचनाऐं प्राप्त हो रही थी। इस गिरोह के पकड़ने के लिए एसटीएफ के अपर पुलिस अधीक्षक दिनेश सिंह फील्ड यूनिट गौतमबुद्धनगर के निर्देशों के क्रम में पुलिस उपाधीक्षक राज कुमार मिश्रा एवं विनोद सिंह सिरोही, के नेतृत्व में टीम गठित की।
सिंह ने बताया कि इस टीम ने धोखाधड़ी करके धन अर्जित करने वाले गिरोह के विरूद्ध अभियान चलाकर अभिसूचना संकलन की कार्रवाई की जा रही थी। इस दौरान शनिवार को सूचना मिली कि आगरा में दर्ज धोधाधडी के कई मुकदमों में वांछित रजत कुलश्रेष्ठ सेक्टर 78 नोएडा स्थित अंतरिक्ष सोसायटी के मकान 1004 में रह रहा है, जो कहीं जाने की तैयारी में है। इस सूचना पर एसटीएफ की टीम ने न्यू आगरा थाने में दर्ज मामले की विवेचना कर रहे पुलिस उपनिरीक्षक प्रदीप भदौरिया को साथ लेकर बताये गये स्थान पर पहॅुचे और गिरोह सरगमना रजत कुलश्रेष्ठ को गिरफ्तार कर लिया गया।
पकड़े गए आरोपी को अगले की कार्रवाई के लिए न्यू आगरा पुलिस को सौंप दिया गया है।उन्होंने बताया कि पकड़ा गया गिरोह सरगना रजत कुलश्रेष्ठ 12वीं पास करने के बाद आगरा संजय पैलेस के पास हैण्डी क्राफ्ट का काम शुरू किया। हैण्डी क्राफ्ट का काम अच्छा चल जाने पर उसने अपने यहां मयंक अग्रवाल निवासी कमला नगर आगरा को एकाउण्टेन्ट के पद पर रखा और बैंको में काम करते समय बैंक के कुछ अधिकारियों के सम्पर्क में आया और मयंक अग्रवाल ने रजत कुलश्रेष्ठ का परिचय बैंक अधिकारियों से कराया।