Edited By Deepika Rajput,Updated: 29 Aug, 2018 02:03 PM
उत्तर प्रदेश सरकार ने मंगलवार को विधानसभा में स्वीकार किया कि सरकारी अस्पतालों में 7348 डॉक्टरों की कमी है। हालांकि, भारतीय जनता पार्टी के अब तक के डेढ़ साल के कार्यकाल के दौरान विभिन्न जरियों से 3253 डॉक्टरों की भर्ती की गई है।
लखनऊः उत्तर प्रदेश सरकार ने मंगलवार को विधानसभा में स्वीकार किया कि सरकारी अस्पतालों में 7348 डॉक्टरों की कमी है। हालांकि, भारतीय जनता पार्टी के अब तक के डेढ़ साल के कार्यकाल के दौरान विभिन्न जरियों से 3253 डॉक्टरों की भर्ती की गई है।
प्रश्नकाल के दौरान सपा सदस्य मनोज कुमार पारस के सवाल का जवाब देते हुए ग्राम्य विकास मंत्री महेन्द्र सिंह ने बताया कि सरकार ने 841 विशेषज्ञ डॉक्टरों की नियुक्ति की है। उन्होंने दावा किया कि सरकारी अस्पतालों में दवा की कोई कमी नहीं है। उन्होंने कहा कि डॉक्टरों की सेवानिवृत्ति की आयु सीमा को 60 से बढ़ाकर 62 साल किया गया है जबकि सेवानिवृत्त विशेषज्ञ डॉक्टरों को अनुबंध पर रखा गया है। प्रदेश में डॉक्टरों के 18 हजार 382 पद है।
सपा सदस्य ने आरोप लगाया कि यूपी में अधिकतर सरकारी अस्पतालों में डॉक्टर मरीज को निजी अस्पतालों का रूख करने के लिए दवाब डालते हैं, जो बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।