69000 शिक्षक भर्ती मामला: सरकार ने डेढ़ लाख अभ्यर्थियों को शॉर्टलिस्ट करने का रखा मौखिक प्रस्ताव

Edited By Ajay kumar,Updated: 31 Jan, 2019 06:13 PM

69 000 teachers recruitment government has made proposal for shortlisting

69000 शिक्षक भर्ती मामले में इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ में आज भी सुनवाई हुई। इस दौरान राज्य सरकार ने  प्र्रस्ताव रखा कि याचीगण क्वालिफाइंग माक्र्स से संतुष्ट नहीं हैं तो पदों से डेढ़ गुने अभ्यर्थियों की लिस्ट बनाई जा सकती है।

लखनऊ: 69000 शिक्षक भर्ती मामले में इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ में आज भी सुनवाई हुई। इस दौरान राज्य सरकार ने  प्र्रस्ताव रखा कि याचीगण क्वालिफाइंग माक्र्स से संतुष्ट नहीं हैं तो पदों से डेढ़ गुने अभ्यर्थियों की लिस्ट बनाई जा सकती है। अधिक प्राप्तांक पाने वाले ऊपर के डेढ़ लाख अभ्यर्थियों को शॉर्टलिस्ट करने का सरकार का मौखिक प्रस्ताव है। लेकिन याचीगणों ने इसे नामंजूर कर दिया। उनका कहना है कि ऊपर के डेढ़ लाख में शिक्षामित्रों का चयन नहीं होगा। सरकार क्वालिफाइंग माक्र्स 40 और 45 प्रतिशत तय करे।

बता दें कि बुधवार को हुई सुनवाई के दौरान इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने शिक्षक भर्ती में पासिंग मार्क बढ़ाए जाने को चुनौती देने वाली याचिका पर यथास्थिति बनाये रखने के आदेश को याचिका के अंतिम निपटारे तक बढ़ा दिया था। राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि बच्चों की शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने के उद्देश्य से सरकार ने क्वालिफाइंग अंको में बढ़ोत्तरी की है।

वरिष्ठ अधिवक्ता ने अदालत को बताया कि शिक्षा के क्षेत्र में राज्य सरकार स्वयं ऐसे कार्य कर रही है जिससे बच्चों की शिक्षा और पढ़ाई बहुत अच्छी हो सके। और स्कूलों को योग्य शिक्षक मिले। न्यायमूर्ति राजेश सिंह चौहान की पीठ ने याची मोहम्मद रिकावान सहित कई शिक्षामित्रों की ओर से दायर याचिकाओं पर बुधवार को यह आदेश दिया।  याचिका दायर कर सरकार द्वारा सहायक शिक्षकों की भर्ती में पैसठ और साठ प्रतिशत पासिंग अंक किए जाने के शासनादेश को चुनौती दी है। याचिका में कहा गया कि यह शासनादेश शिक्षामित्रों के हितों के खिलाफ है । याचिका का कड़ा विरोध कर राज्य सरकार की ओर से कहा कि शिक्षा को उन्नत करने और शिक्षा को बेहतर बनाने के उद्देश्य से जारी शासनादेश सही है।

कहा कि 25 जुलाई 2017 को उच्चतम न्यायालय ने शिक्षामित्रों को दो अवसर दिए जाने के आदेश दिए है , लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि बच्चो को मिलने वाली शिक्षा से खिलवाड़ हो। गौरतलब है कि गत एक दिसंबर को 69000 शिक्षको की भर्ती प्रक्रिया शुरू हुई थी। इसके लिए छह जनवरी को लिखित परीक्षा आयोजित की गई। गत 7 जनवरी को सरकार ने क्वालीफाईंग नंबरो में बढ़ोत्तरी की। इस आदेश को चुनौती दी गई है। इस मामले में सुनवाई जारी है जो 31 जनवरी को भी होगी। 

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