68500 शिक्षक भर्ती मामले में राज्य सरकार को फटकार, जांच के नाम पर हो रही केवल लीपापोती

Edited By Ruby,Updated: 28 Sep, 2018 10:57 AM

68500 teacher recruits in the case of recruitment of the state

इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ ने प्रदेश में 68,500 सहायक शिक्षकों की भर्ती में अभ्यर्थियों की उत्तर पुस्तिकाएं बदले जाने के मामले में गुरुवार राज्य सरकार को खरी-खोटी सुनायी और राज्य सरकार की ओर से पेश जांच की प्रगति रिपोर्ट पर असंतोष जता..

लखनऊः इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ ने प्रदेश में 68,500 सहायक शिक्षकों की भर्ती में अभ्यर्थियों की उत्तर पुस्तिकाएं बदले जाने के मामले में गुरुवार राज्य सरकार को खरी-खोटी सुनायी और राज्य सरकार की ओर से पेश जांच की प्रगति रिपोर्ट पर असंतोष जताया।      

अदालत ने कहा कि अब तक की जांच रिपोर्ट देखने से प्रतीत होता है कि जैसे कोई विभागीय जांच हो रही है, जबकि जांच समिति को वास्तव में इस परीक्षा में कथित भष्टाचार की जांच करनी थी। न्यायमूर्ति इरशाद अली ने महाधिवक्ता राघवेंद्र सिंह और अपर मुख्य स्थायी अधिवक्ता रणविजय सिंह को कहा कि सरकार जांच के नाम पर केवल लीपापोती करती दिख रही है।      

सरकार की ओर से पेश हुए वकील अदालत को अपनी दलीलों से इस बात के लिए रजामंद करने में असमर्थ दिखे कि राज्य सरकार की मंशा स्वच्छ एवं पारदर्शी परीक्षा कराने की थी। अदालत ने सख्त लहजे में कहा कि सरकार द्वारा गठित जांच समिति ने अब तक उक्त परीक्षा में हुए भष्टाचार के मामले में कोई जांच नहीं की। इस पर महाधिवक्ता ने परीक्षा में गड़बडिय़ों की बात स्वीकारी। 

हालांकि उन्होंने सरकार का बचाव करते हुए कहा कि उक्त गड़बडिय़ां जानबूझकर नहीं हुईं। जांच के अब तक के तरीके से असंतुष्ट अदालत ने महाधिवक्ता से कहा कि अगर सरकार ठीक से जांच नहीं कर सकती तो अदालत उसे बतायेगी कि जांच किस प्रकार की जाये। बहरहाल न्यायमूर्ति अली ने मामले में आदेश सुरक्षित रखा।      

बता दें कि सोनिका देवी की ओर से दाखिल एक रिट याचिका पर सुनवायी करते हुए अदालत ने पाया था कि उनकी उत्तर पुस्तिका बदल दी गयी थी, जिसके चलते उन्हें परीक्षा में असफल घोषित कर दिया गया था। 
 

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