Edited By Moulshree Tripathi,Updated: 23 Mar, 2021 01:37 PM
जल ही जीवन है?...इस कथनी को गलत साबित करता है उत्तर प्रदेश वाराणसी में पाइप लीकेज की लापरवाही से बर्बाद हो रहा चार करोड़ लीटर पानी वाला करनी। हद तो तब हो
वाराणसीः जल ही जीवन है?...इस कथनी को गलत साबित करता है उत्तर प्रदेश वाराणसी में पाइप लीकेज की लापरवाही से बर्बाद हो रहा चार करोड़ लीटर पानी वाला करनी। हद तो तब हो जाती है जब जलकल व जल निगम हर साल पानी की बर्बादी को रोकने के लिए मरम्मत के नाम पर करोड़ों रुपये खर्च करते हैं, लेकिन लीकेज के चलते वॉटर लॉस को कम नहीं कर पा रहे है। लिहाजा पाइप लीकेज से 4 करोड़ लीटर पानी बर्बाद हो रहा है।
बता दें कि जलकल वाराणसी की 20 लाख की आबादी को रोज पेयजल आपूर्ति करता है, इसमें वॉटर लॉस 20 फीसदी है। यानी चार लाख की आबादी की जरूरत पूरा करने वाला पानी रोज नालियों में बह रहा है। शहर के 90 वार्डों में ये समस्या व्याप्त है। दुखद है कि पेयजल पाइपलाइन में लीकेज से करीब चार करोड़ लीटर पानी बर्बाद हो जाता है। शहरवासियों को जलकल करीब 22 करोड़ लीटर पानी की आपूर्ति करता है।
इस बाबत जलकल महाप्रबंधक रघुवेंद्र कुमार का कहना है कि कई दूसरी एजेंसियों ने खोदाई करके पेयजल की पाइपलाइनों को डैमेज कर दिया है। जहां से सूचना मिलती है तत्काल उसे दुरुस्त कराया जा रहा है। कुछ पुरानी लाइनें हैं जिनको बदलने का काम जारी है। जल निगम से लीकेज को दुरुस्त कराया जा रहा है। लीकेज से 20 प्रतिशत पानी बर्बाद होता है।