Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 10 Nov, 2019 03:13 PM
अयोध्या केस में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के पहले से पुलिस द्वारा सोशल मीडिया पर लगातार अपनी गहरी नजर टिका रखी थी और कुछ लोगों...
लखनऊ: अयोध्या केस में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने से पहले ही पुलिस ने सोशल मीडिया पर लगातार अपनी गहरी नजर टिकाए रखी थी और कुछ लोगों को चिन्हित भी कर रखा था। पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद अफ़वाह फैलाने के मामले में 37 लोगों को गिरफ्तार किया है। कई लोगों के खिलाफ केस दर्ज भी कराया गया है।
एडीजी कानून व्यवस्था पीवी रामाशास्त्री ने बताया कि बीते 24 घंटे में लगभग 3,712 सोशल मीडिया पोस्टों के खिलाफ कार्रवाई की गई। इनमें से कई पोस्टों को रिपोर्ट करके हटवाया गया। पहले ‘साइबर पेट्रोलिंग’ के तहत ट्विटर, फेसबुक और यू-ट्यूब पर निगरानी रखी गई। सबसे अधिक ट्विटर पर 2426 पोस्ट, फेसबुक 865 पोस्ट और यू-ट्यूब के 69 वीडियो और प्रोफाइल के खिलाफ रिपोर्ट की गई। पुलिस महानिदेशक मुख्यालय की ओर से सोशल मीडिया पर कई जिलों में अभी भी नजर रखी जा रही है।
पुलिस के सामने सबसे बड़ी चुनौती सोशल मीडिया पर अफवाह और भड़काऊ संदेश फैलाने वालो पर नियंत्रण करना है। अधिकारियों ने बताया कि साइबर पेट्रोलिंग के जरिए इस पर शिकंजा कसा जा रहा है। शुक्रवार रात से ही मुख्यालय स्थित साइबर सेल के अधिकारियों को ऑफिस बुला लिया गया था। शनिवार देर रात तक आइजी द्वारा वायरल संदेशों की जांच कराते रहे। सूत्रों के अनुसार यह भी बताया जा रहा है कि अयोध्या पर निगरानी के लिए सेटेलाइट के माध्यम से किसी निश्चित स्थान पर अचानक होने वाली भीड़ या अन्य मूवमेंट पर नजर रखने के लिए इसरो से मदद ली गई।