Edited By Deepika Rajput,Updated: 24 Oct, 2018 12:43 PM
सत्ता में आने के बाद योगी सरकार ने पूर्व अखिलेश सरकार के कई फैसलों में बदलाव किया है। अभी हाल ही में योगी ने 4000 उर्दू शिक्षकों की भर्ती निरस्त कर दी थी। वहीं अब एक बार फिर सपा सरकार के फैसले को बदलते हुए योगी सरकार ने 32 हजार अंशकालिक अनुदेशकों की...
लखनऊः सत्ता में आने के बाद योगी सरकार ने पूर्व अखिलेश सरकार के कई फैसलों में बदलाव किया है। अभी हाल ही में योगी ने 4000 उर्दू शिक्षकों की भर्ती निरस्त कर दी थी। वहीं अब एक बार फिर सपा सरकार के फैसले को बदलते हुए योगी सरकार ने 32 हजार अंशकालिक अनुदेशकों की भर्ती रद्द करने का फैसला किया है। इसको लेकर आला अधिकारियों में सहमति बन गई है। वहीं इस खबर से अभ्यर्थियों में मायूसी छा गई है।
सरकार का कहना है कि शिक्षा का अधिकार कानून के तहत उन्हीं स्कूलों में खेलकूद के अनुदेशक रखे जा सकते हैं जहां छात्रों की संख्या 100 से अधिक हो। हाईकोर्ट का आदेश था कि 12 अप्रैल को दो महीने में भर्ती प्रक्रिया पूरी की जाए। आरटीई एक्ट के तहत जो अनुदेशक रखे गए हैं उनका मानदेय केंद्र सरकार देती है जबकि इस अनुदेशकों का मानदेय राज्य सरकार को अपने बजट से देना था।
बता दें कि, बीपीएड धारकों की मांग पर पूर्व समाजवादी सरकार ने 2016 में अंशकालिक अनुदेशकों की भर्ती शुरू की थी। वहीं 2017 में बीजेपी सरकार ने इस भर्ती पर रोक लगा दी थी।