महिलाओं के खिलाफ अपराधों की सुनवाई के लिए गठित होंगी 218 त्वरित अदालतें

Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 09 Dec, 2019 01:00 PM

218 speedy courts to be set up to hear crimes against women

उत्तर प्रदेश मंत्रिमंडल ने महिलाओं और बच्चों के खिलाफ बढ़ते अपराधों के मामलों की त्वरित सुनवाई के लिए 218 त्वरित अदालतों के गठन का निर्णय लिया है। प्रदेश के कानून मंत्री बृजेश पाठक ने सोमवार को मंत्रिमंडल की बैठक के बाद संवाददाताओं को बताया कि...

लखनऊः उत्तर प्रदेश मंत्रिमंडल ने महिलाओं और बच्चों के खिलाफ बढ़ते अपराधों के मामलों की त्वरित सुनवाई के लिए 218 त्वरित अदालतों के गठन का निर्णय लिया है। प्रदेश के कानून मंत्री बृजेश पाठक ने सोमवार को मंत्रिमंडल की बैठक के बाद संवाददाताओं को बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महिलाओं के साथ हो रहे अपराधों पर चिंता जाहिर की है।

मंत्रिमंडल ने महिलाओं और बच्चों के साथ ऐसे अपराधों के मामलों की सुनवाई के लिए 218 त्वरित अदालतें गठित करने का निर्णय लिया है। इनमें से 144 अदालतें बलात्कार के मामलों की नियमित रूप से सुनवाई करेंगी जबकि 74 अदालतों में पोक्सो के मामले सुने जाएंगे। उन्होंने बताया कि इन सभी अदालतों के लिए अपर सत्र न्यायाधीश के 218 पद सृजित किए जाएंगे।

साथ ही अदालत कर्मियों के भी पद बनाए जाएंगे। पाठक ने बताया कि इन अदालतों के गठन पर होने वाले खर्च का 60% हिस्सा केंद्र सरकार तथा 40% हिस्सा राज्य सरकार उठाएगी। हर नई त्वरित अदालत में वेतन तथा अन्य मदों पर 63 लाख रुपए खर्च होने का अनुमान है।

 

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!