Edited By Ajay kumar,Updated: 24 Dec, 2019 09:43 AM
उत्तर प्रदेश पुलिस ने सोमवार को कहा कि पिछले सप्ताह संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ राजधानी लखनऊ में हुई हिंसा के मामले में पॉपुलर फ्रंट...
लखनऊ / शामली: उत्तर प्रदेश पुलिस को सोमवार को बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। जहां पिछले सप्ताह संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ राजधानी लखनऊ में हुई हिंसा के मामले में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के प्रदेश प्रमुख और 16 अन्य कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस ने बताया कि लखनऊ में गत 19 दिसम्बर को हुए हिंसक प्रदर्शन के मामले में संगठन के प्रदेश प्रमुख वसीम को गिरफ्तार कर लिया गया है।
प्रदर्शन के दौरान भीड़ को कथित तौर पर भड़काने के लिए 19 दिसंबर के बाद से पश्चिमी उत्तर प्रदेश के शामली जिले में PFI के 14 सदस्यों सहित 28 लोगों को गिरफ्तार किया गया । शामली के SP विनीत जयसवाल ने पीटीआई-भाषा को बताया, ‘‘पीएफआई के सदस्य मोहम्मद शादाब सहित कुल 14 सदस्यों को गिरफ्तार किया गया, दो लोग वांछित हैं। जिले में 14 अन्य लोगों को गिरफ्तार किया गया है ।
लखनऊ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कलानिधि नैथानी ने संवाददाताओं को बताया कि हिंसा के मास्टरमाइंड को गिरफ्तार करने में सफलता मिली है। लखनऊ में गत 19 दिसम्बर को हुए हिंसक प्रदर्शन के मामले में PFI के वसीम, नदीम और अशफाक को गिरफ्तार किया गया है। वसीम PFIका प्रदेश प्रमुख है, अशफाक कोषाध्यक्ष और नदीम सदस्य है। पुलिस ने बताया कि इसके साथ समूचे राज्य में हिंसा के बाद से 925 लोगों को गिरफ्तार किया गया है ।
प्रदेश के उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने रविवार को कहा था कि प्रशासन को हिंसा में पीएफआई और स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) का हाथ होने का संदेह है । नैथानी ने बताया कि पकड़े गये अभियुक्तों के पास से तख्तियां, झंडे, पर्चे और पेपर कटिंग बरामद की गयी हैं जिनमें सीएए और एनआरसी के खिलाफ प्रदर्शन का आह्वान किया गया था। इसके अलावा उनके कब्जे से अयोध्या विवाद, आतंकवाद समेत कई संदेहास्पद विषयों पर साहित्य भी बरामद किया गया है। नैथानी ने कहा कि नदीम और अशफाक ने उग्र धरना-प्रदर्शन में शामिल होने के लिये लोगों को उकसाया। नदीम और उसके सहयोगी अशफाक को गिरफ्तार कर लिया गया है। उन्होंने बताया कि इनके एक सहयोगी वसीम को पहले ही गिरफ्तार किया गया था। उसकी निशानदेही पर नदीम और अशफाक को गिरफ्त में लिया गया है। इन दोनों ने योजनाबद्ध तरीके से शांति भंग करने की साजिश रची थी। दोनों ने व्हाट्सएप के माध्यम से एनआरसी और सीएए के विरोध में लोगों को बड़ी संख्या में एकत्र होकर उग्र प्रदर्शन करने की बात फोटो और वीडियो के माध्यम से वायरल की।