Edited By Ruby,Updated: 12 Apr, 2018 03:33 PM
उत्तर प्रदेश के अधिसंख्य क्षेत्रों में बुधवार देर रात चक्रवाती तूफान ने जमकर कहर बरपाया। तेज रफ्तार हवाओं के साथ हुई मूसलाधार बारिश से हजारों हेक्टेयर कृषि योग्य भूमि पर पक कर खड़ी गेंहू की फसल बरबाद हो गई जबकि वर्षा जनित हादसों में कम से कम 15...
लखनऊः उत्तर प्रदेश के अधिसंख्य क्षेत्रों में बुधवार देर रात चक्रवाती तूफान ने जमकर कहर बरपाया। तेज रफ्तार हवाओं के साथ हुई मूसलाधार बारिश से हजारों हेक्टेयर कृषि योग्य भूमि पर पक कर खड़ी गेंहू की फसल बरबाद हो गई जबकि वर्षा जनित हादसों में कम से कम 15 लोगों की मृत्यु हो गई।
मथुरा, सहारनपुर, मेरठ, हापुड़, कानपुर, हमीरपुर और मौदहा समेत राज्य के कई इलाकों में तूफानी हवाओं से सैकडों पेड़ धाराशायी हो गए। होर्डिंग, बैनर और टीन की चादरें दूर जा गिरे। बिजली के खंभे और तार जमीन चूम गए। सैकडों की तादाद में कच्चे मकान जमींदोज हो गए। आगरा में विश्व धरोहर ताजमहल और आसपास की इमारतों को भी तूफानी हवाओं ने आंशिक नुकसान पहुंचाया।
मौसम विभाग ने आंधी पानी का यह सिलसिला कम से कम अगले तीन दिनों तक जारी रहने की संभावना जताई है। इस दौरान पूर्वी उत्तर प्रदेश में आंधी और गरज चमक के साथ बारिश के आसार हैं जबकि पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ क्षेत्रों में भारी बारिश का अनुमान है। किसानों को सलाह दी गई है कि वे गेहूं की तैयार फसल की जल्द से जल्द कटाई कर लें।
इस बीच आंधी के बाद हुई तेज बारिश ने अन्नदाता की रही सही उम्मीदों पर भी पानी फेर दिया। हजारों बीघा जमीन पर पकी गेहूं की बालियां मिट्टी में समा गईं। वहीं कई क्षेत्रों में काट कर रखे गए गेंहू के ढेर भींग गए। खेतों पर जमा भूसा उड़कर हवा में गुम हो गया। बवंडर के कारण हुए हादसों में आगरा में आठ, मथुरा में चार और फिरोजबाद में तीन लोगों की मृत्यु हो गई।