Edited By Ramkesh,Updated: 23 Apr, 2020 07:52 PM
कोरोना महामारी को रोकने के लिए देश में लॉकडाउन लागू किया गया है। इसी बीच कुशीनगर में पिछले एक महीने से 133 बौद्ध भिक्षु भी फंसे हुए है।
कुशीनगर: कोरोना महामारी को रोकने के लिए देश में लॉकडाउन लागू किया गया है। इसी बीच कुशीनगर में पिछले एक महीने से 133 बौद्ध भिक्षु भी फंसे हुए है। सरकार ने अब इनके वतन वापसी सुनिश्चित कर दी है। थाई दूतावास और भारत सरकार के समन्वय के बाद इनकी वतन वापसी की व्यवस्था की गई है। ये सभी 24 अप्रैल को बोधगया से थाई एयर एशिया से अपने मुल्क थाइलैंड जाएंगे। गुरुवार को इन 133 बौद्ध भिक्षुओं को 5 बसों से कुशीनगर थाई मंदिर से बोधगया के लिए रवाना किया गया।
बता दें कि लॉकडाउन के चलते करीब 175 विदेशी बौद्ध भिक्षु और पर्यटक कुशीनगर में फंसे हुए थे। इनमें 36 पर्यटक रूस, अमेरिका, जापान, चिली और मैक्सिको आदि देशों के हैं। जबकि बाकी थाईलैंड के बताए जा रहे हैं. ये सभी विदेशी नागरिक अपने-अपने देशों के दूतावासों से वतन वापसी की गुहार लगा चुके हैं। फिलहाल ये कुशीनगर स्थित विभिन्न बौद्ध मॉनेस्ट्रियों में ठहरे हुए हैं।
25 अप्रैल को दो विमान से बौद्ध भिक्षु को भेजा जाएगा
जानकारी के अनुसार बोधगया, राजगीर, वाराणसी, कुशीनगर समेत अन्य बौद्ध सर्किट में थाइलैंड के करीब 340 यात्री फंसे हुए हैं. थाइलैंड सरकार ने इन्हें वापस ले जाने के लिए भारत सरकार से आग्रह किया है. इन्हें वापस थाइलैंड भेजने के लिए प्रकिया शुरू कर दी गई है. अब थाइलैंड से 24 और 25 अप्रैल को दो विमान गया एयरपोर्ट पर लैंड करेंगे, जो अपने यात्रियों को लेकर स्वदेश के लिए रवाना होंगे. थाइलैंड के यात्रियों के भेजने के दौरान भी कोरोना महामारी को लेकर जारी एडवायजरी का पालन किया जायेगा.
म्यांमार सरकार के अनुरोध पर भारत सरकार ने दिया आदेश
गौरतलब है कि म्यांमार सरकार ने भी अपने 281 बौद्ध भिक्षुओं की वतन वापसी के लिए भारत सरकार से मिलकर व्यवस्था की थी। भारत सरकार की विशेष अनुमति के बाद म्यांमार एयरवेज की दो फ्लाइट इन्हें लेने के लिए विशेष रूप से बोधगया पहुंची थी। इन लोगों को गया एयरपोर्ट से म्यांमार के लिए रवाना किया गया। एयरपोर्ट के निदेशक दिलीप कुमार ने बताया कि लॉकडाउन की वजह से ये यात्री बोधगया, नालंदा, राजगीर, कुशीनगर, वाराणसी समेत अन्य बौद्ध सर्किट में फंसे हुए थे।