Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 17 Apr, 2019 01:28 PM
कहते हैं कि अगर हुनर हो तो उम्र कोई मायने नहीं रखती है। यह कथन साबित किया कक्षा 12वीं में पढ़ने वाले जयप्रकाश बिंद ने। जी हां खुद पढ़ने की उम्र में दो साल की मेहनत के बाद एक टूटी साइकिल से ऐसी मशीन तैयार की है जो सडकों पर कूड़ा उठाने के लिए सफाई...
मिर्जापुरः कहते हैं कि अगर हुनर हो तो उम्र कोई मायने नहीं रखती है। यह कथन साबित किया कक्षा 12वीं में पढ़ने वाले जयप्रकाश बिंद ने। जी हां खुद पढ़ने की उम्र में दो साल की मेहनत के बाद एक टूटी साइकिल से ऐसी मशीन तैयार की है जो सडकों पर कूड़ा उठाने के लिए सफाई कर्मियों के लिए वरदान साबित होगी।
मवैया गांव के रहने वाले जयप्रकाश विंद इन दिनों चर्चा का विषय बने हुए हैं। शहर के गुरुनानक इंटर कालेज में पढ़ने वाले जयप्रकाश ने साइकिल में बदलाव कर एक ऐसी कुंडा उठाने वाली मशीन तैयार की है, जो सफाई कर्मियों के दिन भर के काम को कुछ घंटों में पूरा कर देगी। खास बात तो यह है कि इसे चलाने के लिये किसी तरह के खर्चे की जरूरत नहीं पड़ेगी। यह खुद से चलाया जा सकता है।
जय प्रकाश का कहना है कि उसे स्कूल में प्रोजेक्ट बनाने के लिए मिला था। वह दो साल की मेहनत के बाद यह कुंडा उठाने वाली मशीन को तैयार कर पाया है। वहीं जय प्रकाश के पिता का कहना है कि उन्हें बेटे पर गर्व है। उसने समाज के लिए कुछ अच्छा काम किया है।