Edited By Punjab Kesari,Updated: 02 Dec, 2017 08:50 AM
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लिटमस टैस्ट माने जा रहे नगरीय निकाय चुनाव में भाजपा ने नगर निगम की 16 सीटों में से 14 पर जीत दर्ज की है जबकि 2 सीटें बहुजन समाज पार्टी को मिली है।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लिटमस टैस्ट माने जा रहे नगरीय निकाय चुनाव में भाजपा ने नगर निगम की 16 सीटों में से 14 पर जीत दर्ज की है जबकि 2 सीटें बहुजन समाज पार्टी को मिली है। राज्य की योगी आदित्यनाथ सरकार की पहली परीक्षा में जनता ने जहां पास कर दिया वहीं विपक्ष के जी.एस.टी. और राज्य में बढ़ते अपराधों के दावों फेल करार देते हुए योगी पर अपना विश्वास प्रकट किया है हालांकि नगर पालिका और नगर पंचायत में बसपा और समाजवादी पार्टी (सपा) प्रत्याशियों ने जोरदार टक्कर दी है। कांग्रेस हालांकि इस चुनाव में फिर से फिसड्डी साबित हुई है।
नगरीय निकाय चुनाव में पहली बार शामिल सहारनपुर नगर निगम की मेयर सीट पर भाजपा ने कब्जा कर लिया है। अयोध्या में भी भाजपा के ऋषिकेश उपाध्याय ने सपा की लोकप्रिय उम्मीदवार किन्नर गुलशन बिंदु को पटखनी दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के नगर निगम चुनाव महापौर पद पर भाजपा की प्रत्याशी मृदुला जायसवाल ने 78 हजार से अधिक मतों के भारी अंतर से अपनी निकटतम प्रतिद्वंदी कांग्रेस की शालिनी यादव को पराजित किया।
अलीगढ़ नगर निगम महापौर पद से बहुजन समाज पार्टी(बसपा) के फुरखान ने जीत दर्ज की। मेरठ महापौर पद के लिए बसपा की सुनीता वर्मा को विजयी घोषित किया गया। बरेली निगम चुनाव में महापौर की सीट पर भाजपा ने 17 वर्ष बाद कब्जा किया है।
योगी ने जहां डाला वोट, वहां हारी भाजपा
गोरखपुर से भाजपा के लिए एक हैरान करने वाली खबर है। मुख्यमंत्री (सीएम) योगी आदित्यनाथ ने वार्ड नंबर 68 में वोट डाला था उसी वार्ड में भाजपा हार गई। नतीजों के मुताबिक, वार्ड नं.-68 से नगर अध्यक्ष मोमिन अंसारी सभा सलीम अंसारी की मां नादिरा खातून ने भाजपा को पटकनी दी। नादिरा ने भाजपा प्रत्याशी माया त्रिपाठी को 483 वोटों से हराया है। नादिरा खातून ने अपनी जीत का सेहरा योगी आदित्यनाथ के सिर बांधा।
100 साल में लखनऊ को मिली महिला मेयर
अब यूपी की राजधानी लखनऊ को पहली महिला मेयर मिल गई है। उत्तर प्रदेश नगर निकाय चुनाव में भाजपा की संयुक्ता भाटिया ने यह उपलब्धि हासिल की। दरअसल, राजधानी में नगर निगम चुनावों में 100 साल में लखनऊ की मेयर कोई महिला नहीं बनी थी। इस बार लखनऊ मेयर की सीट महिला के लिए आरक्षित थी।