योगीराज में किसानों के आए अच्छे दिन, एक लाख तक का कर्ज हुआ माफ

Edited By ,Updated: 05 Apr, 2017 08:32 AM

yogi government s first cabinet meeting waives debt of farmers up to 1 lakh

उत्तर प्रदेश सरकार ने अपनी पहली कैबिनेट बैठक में किसानों के 1 लाख रूपए तक के कर्ज को माफ कर दिया है। सरकार ने किसानों की कर्ज माफी के लिए कुल 36 हजार करोड़ रुपए धनराशि आवंटित की है।

लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने अपनी पहली कैबिनेट बैठक में किसानों के 1 लाख रूपए तक के कर्ज को माफ कर दिया है। सरकार ने किसानों की कर्ज माफी के लिए कुल 36 हजार करोड़ रुपए धनराशि आवंटित किया है। अनुमान लगाया जा रहा है कि इस फैसले से प्रदेश के तकरीबन 2.15 करोड़ किसानों को राहत मिलेगी। बता दें कि विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने अपने घोषणा पत्र में किसानों की कर्जमाफी को शामिल किया था। इसी वादे को निभाते हुए सरकार ने ये फैसला लिया है। 

कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने दिया था किसानों का फसली ऋण माफी का संकेत 
इससे पहले प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने हाल ही में कहा कि चुनावी वादे के अनुरूप राज्य के किसानों का फसली ऋण जल्द ही माफ किया जाएगा। इसके लिए विभाग स्तर पर प्रस्ताव बनाकर भेज दिया गया है। राज्य सरकार ने लाभान्वित होने वाले किसानों की पूरी सूची तैयार कर ली है और जल्द ही इसे कैबिनेट की पहली बैठक में मंजूरी दी जाएगी। शाही ने बताया कि राज्य में कुल डेढ करोड़ ऐसे किसान हैं जिनका फसली ऋण माफ किया जाएगा। प्रदेश की भाजपा सरकार अपने चुनाव घोषणापत्र के प्रमुख वादे यानी किसानों की कर्ज माफी के लिये विभिन्न प्रस्तावों पर विचार कर रही है। 

प्रदेश में करीब 2 करोड़ 30 लाख है किसानों की संख्या
प्रदेश में इस वक्त लगभग दो करोड़ 30 लाख किसान हैं। प्रदेश में लघु एवं सीमांत कृषकों की कुल संख्या 2.15 करोड़ है। प्रदेश में वर्ष 2013-14 के रबी मौसम से 2015-16 के रबी मौसम तक लगातार दैवीय आपदाओं के कारण फसलों का उत्पादन एवं उत्पादकता अत्यधिक प्रभावित रही है, जिसके कारण प्रदेश के विशेषकर लघु एवं सीमान्त कृषकों की आर्थिक दशा गंभीर हो गई है। उल्‍लेखनीय है कि प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार के मंत्रियों ने गत 19 मार्च को शपथ ली थी। आमतौर पर शपथ के फौरन बाद या अगले दिन मंत्रिमण्डल की पहली बैठक होती है, लेकिन मौजूदा सरकार में यह बैठक 16वें दिन होगी। 

सरकार ने इन प्रस्ताओं को दी मंजूरी-
-संकल्प पत्र के कई प्रस्तावों को दी गई मंजूरी।
-31 मार्च 2017 तक किसानों का 1 लाख तक का बकाया कर्ज माफ। 
-प्रदेश के कुल 86 लाख किसानों की कर्ज माफी में खर्च होगा कुल 36 हजार करोड़।
-बकाया न चुकाने की वजह से 7 लाख किसानों को कर्ज नहीं देते बैंक।
-इन सभी किसानों का ओटीएस के तहत यूपी सरकार देगी रियायत।
-ओटीएस रियायत के बाद इन सभी किसानों को फिर से मिल सकेगा कर्ज।

-7 हजार गेहूं खरीद केंद्र बनेंगे, जिसकी मॉनिटरिंग मुख्यमंत्री खुद करेंगे।
-पहले चरण में 40 लाख मीट्रिक टन गेंहूं खरीद का लक्ष्य। 
-किसानों की मांग पर बढ़ाए जा सकते हैं गेंहूं क्रय केंद्र।
-1625 एमएससी के अलावा 10 लदाई मिलेगी। 
-केंद्रों पर पानी और छाया की होगी व्यवस्था।
-सीधे किसानों से होगी गेंहूं खरीद की व्यवस्था।
-किसानों के खाते में सीधे होगा भुगतान। 
-किसानों के उत्पीडऩ की शिकायत न मिले।
-आलू खरीद को लेकर केशव मौर्या की अध्यक्षता में कमेटी हुई गठित।
-आलू खरीद को लेकर बनेगी 3 सदस्यीय कमेटी।
-कमेटी तय करेगी कि आलू किसानों को कैसे राहत दी जाए। 

-महिलाओं की सुरक्षा का विशेष ध्यान रखेगी सरकार।
-महिलाओं से छेड़छाड़ की थीं बहुत ज्यादा शिकायतें।
-एंटी रोमियो दस्ता कर रहा है बहुत अच्छा काम।
-एंटी रोमियो दस्ते को की जा रही है बदनाम करने की कोशिश।
-किसी कपल को परेशान करने पर अधिकारियों पर होगी कार्रवाई।
-सार्वजनिक स्थानों पर कपल को न किया जाए परेशान।

-किसान राहत बांड लाएगी सरकार। 
-नई उद्योग नीति बनाने के लिये मंत्रियों का समूह बनाया गया। जिससे प्रदेश में आए पूंजी निवेश।
-मुख्यमंत्री ने मंत्री समूह का किया गठन। 
-दूसरे राज्यों की उद्योग नीति का अध्ययन करेगी समिति।
-प्रदेश में बनाएंगे एक अच्छी उद्योग नीति। 
-उद्योग नीति के लिए लागू होगा सिंगल विंडो सिस्टम।

-अपराध भ्रष्टाचार पर अपनाएंगे जीरो टॉलरेंस की नीति।  
-अवैध खनन पर रोक लगाने के लिये गठित किया गया 3 मंत्रियों का समूह। 
-1 हफ्ते में मंत्रियां का समूह देगा रिपोर्ट। 
-डिप्टी सीएम की अगुवाई में बनी समिति।

-नवमी के दिन कैबिनेट में 9 निर्णय लिए गए।
-अवैध स्लॉटर हाउस बंद करने का प्रस्ताव पास।
-अब तक 26 अवैध स्लॉटर हाउस को बंद किया गया।
-नहीं चलने दिए जाएंगे अवैध स्लाटर हाउस।
-सुप्रीम कोर्ट और एनजीटी के आदेशों का होगा पालन।
-गाजीपुर में स्टेडियम निर्माण का प्रस्ताव पास। 

किसान बोले, इतना ही काफी नहीं
किसान नेताओं ने किसानों का कर्ज माफ किए जाने के राज्य सरकार के फैसले की सराहना की है। हालांकि, एक लाख रुपए कर्ज सीमा लगाए जाने से वे खुद को ठगा हुआ भी महसूस कर रहे हैं। किसान संघों का कहना है कि कर्ज सीमा और कर्जमाफी को फसली कर्ज तक सीमित रखने से लाभ का दायरा भी सीमित रह जाएगा।

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