शौचालय नहीं होने से बनारस में टूट गई लड़के की शादी

Edited By Punjab Kesari,Updated: 07 Dec, 2017 02:18 PM

yogi adityanath narendra modi odf varanasi congress

यूपी में खुले में शौच मुक्त गांवों की हकीकत सामने आती रहती है। ताजा मामला पीएम नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र बनारस का है जो काफी चौकाने वाला है। जिस गांव को सीएम योगी आदित्यनाथ ने दो महीने पहले खुले में शौच मुक्त घोषित होने का प्रमाण पत्र दिया था।...

लखनऊ, आशीष पाण्डेय: यूपी में खुले में शौच मुक्त गांवों की हकीकत सामने आती रहती है। ताजा मामला पीएम नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र बनारस का है जो काफी चौकाने वाला है। जिस गांव को सीएम योगी आदित्यनाथ ने दो महीने पहले खुले में शौच मुक्त घोषित होने का प्रमाण पत्र दिया था। उसी गांव में एक लड़के की शादी इसीलिए तोड़ी दी गई क्योंकि उसके घर शौचालय नहीं था। खुले में शौच मुक्त अभियान की यह जमीनी हकीकत एक सटीक उदाहरण है साथ ही इस अभियान की कलई खोलने के लिए भी काफी है। मामला संज्ञान में आने पर प्रशासन इस पूरे मामले को गंभीरता से ले रहा है। जांच के बाद पीड़ित परिवार को शौचालय बनवाने के लिए सरकारी मद्द भी दी जा सकती है।

यह है पूरी कहानी
दरअसल, बनारस में काशी विद्यापीठ ब्लॉक के 108 गांव खुले में शौच मुक्त घोषित किए जा चुके हैं। दो महीने पहले ही सीएम योगी आदित्यनाथ ने अपने हाथों से इसका प्रमाण पत्र दिया था। इस ब्लॉक के गांव शिवदासपुर पंचवटी नगर में ट्रॉली चालक नंदलाल अपने परिवार के साथ रहते हैं। नंदनाल ने अपने बड़े बेटे कलफू की शादी की बात चला रखी थी। कलफू के लिए रिश्ते भी आते रहे। इसी बीच उसके घर मंडुवाडीह इलाके से कुछ लोग शादी की बात करने आए। मंगलवार को नंदलाल के घर मंडुवाडीह से लोग पहुंच गए। लड़की पक्ष के लोगों को लड़का पसंद आ गया। चाय नाश्ता के बीच अब शादी तय करने पर लोगों में आपसी राय हुई। तभी लड़की पक्ष के किसी सदस्य को बॉथरूम लगी, जब नंदलाल से बॉथरूम के बारे में पूछा गया तो नंदलाल का जवाब सुनकर लड़की पक्ष के लोगों के होश ही उड़ गए। उनके पैरों तले जमीन खिसक गई। उन्हें पता चला कि लड़के के घर में शौचालय ही नहीं है, तो उन्होंने शादी से तुरंत इनकार कर दिया।

नंदलाल को नही मिली सरकारी मद्द
इस बारे में नंदलाल का कहना है कि वो ट्रॉली चलाता है जिससे इतनी कमाई नहीं होती है कि घर में शौचालय बनवा सके। हालांकि सरकारी सहायता के लिए ग्राम प्रधान से लेकर ब्लॉक कार्यालय तक कई बार गुहार लगाई, आवेदन भी दिया। लेकिन उसकी किसी ने नहीं सुनी। शौचालय नहीं होने के कारण बेटे का रिश्ता तय नहीं हो पाने से नंदलाल परेशान हैं। उनकि पत्नी मंजू का निधन हो चुका है जिसके कारण घर में समय से भोजन मिलने का संकट है। उनकी सोच थी कि बहू रहेगी तो घर संभाल लेगी। लेकिन उनके अरमानों पर पानी फिर गया।

प्रशासन ने दिया जांच के आदेश
बनारस के 8 ब्लॉकों की 1009 ग्राम सभाओं को खुले में शौच से मुक्त किया जाना अभी बाकी है। सरकारी महकमे ने पसीना बहाते हुए अभी तक केवल 309 ग्राम सभाएं ही ओडीएफ घोषित की हैं। हालांकि इनकी जमीनी हकीकत नंदलाल के गांव जैसी ही है। इस पूरे मामले पर डीपीआरओ आनंद सिंह का कहना है कि ग्राम सभाओं से प्रस्ताव आने पर विद्यापीठ ब्लॉक को ओडीएफ घोषित किया गया था। नंदलाल प्रकरण गंभीर है। इसकी जांच कराई जाएगी और व्यक्ति पात्र हुआ तो सरकारी मदद से शौचालय का निर्माण करवाया जाएगा। बीडीओ रक्षिता सिंह ने कहा कि नंदलाल ने शौचालय बनवाने के लिए कभी अर्जी नहीं दी। मामला संज्ञान में आने पर मौके पर संबंधित कर्मचारियों को भेज कर निर्माण करवाया कराया जाएगा। 
 

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!