Edited By Punjab Kesari,Updated: 18 Aug, 2017 03:30 PM
योगी सरकार की कैबिनेट बैठक में गुरुवार को 8 अहम फैसले हुए। इसमें युवा जोश पर कम और तर्जुबे पर सरकार ने ज्यादा भरोसा जताया। प्रदेश सरकार ने स्कूलों में खाली पड़े असिस्टेंट टीचरों के पदों पर रिटायर्ड लोगों को लाने का फैसला किया है।
लखनऊ: योगी सरकार की कैबिनेट बैठक में गुरुवार को 8 अहम फैसले हुए। इसमें युवा जोश पर कम और तर्जुबे पर सरकार ने ज्यादा भरोसा जताया। प्रदेश सरकार ने स्कूलों में खाली पड़े असिस्टेंट टीचरों के पदों पर रिटायर्ड लोगों को लाने का फैसला किया है। कैबिनेट में हुए फैसले की जानकारी देते हुए सरकार के प्रवक्ता सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा, माइक्रो प्लान के तहत केंद्र की योजना और राज्य की योजना पर काम हुआ है। फिनलैंड की कंपनी के साथ मिलकर डीपीआर भी तैयार किया गया है। जिसमें 271 विकास खंड और 22 शहरों का चयन किया गया। लेकिन पहले साल 2017-18 में बुंदेलखंड के 15 विकास खंड और बाकी के पूर्वी यूपी के 10 विकास खंड के लिए मास्टर रिचार्ज प्लान बनाया गया है।
राज्य अधीनस्थ चयन आयोग की ओर से सरकार को बताया गया, 9 हजार से ज्यादा सहायक शिक्षकों के पद खाली पड़े हैं। इसके लिए जब जिलों से रिपोर्ट मंगाई गई तो उसमें साफ हुआ कि कुल 20 जिले ऐसे हैं जिनमें टीचरों की संख्या जरूरत से ज्यादा हैं। ऐसे में जिन जिलों में टीचरों की संख्या बहुत कम हैं उन जिलों के टीचरों को डेपुटेशन पर लाकर उनकी कमी को पूरा करने का काम करेंगे। इसके अलावा जो कमी रह जाएगी, उसमें रिटायर्ड सहायक टीचरों को उनके उचित वेतनमान पर लाकर टीचरों की कमी को पूरा किया जाएगा। प्रदेश में राजकीय विद्यालयों में 4463 पुरुष और 4479 महिला सहायक टीचरों के पद खाली हैं।
राज्य भूजल संरक्षण में बदलाव किया गया है। यूपी में 70 फीसदी भूजल का इस्तेमाल सिंचाई में होता है। उसके बाद पानी पीने के लिए और फिर इंडस्ट्री के इस्तेमाल में होता है। इसका बजट राष्ट्रीय पेयजल कार्यक्रम, मनरेगा, कृषि योजना समेत कई योजनाओं में इस्तेमाल किया जाएगा। इसमें तालाब और चेक डैम को बनाना और उनका पुनर्निर्माण करना होगा।
इसके अलावा पानी पंचायत और भूजल सेना जैसी योजनाओं पर काम होगा। इसकी मॉनिटरिंग जिला स्तर पर अधिकारी करेंगे। पानी पंचायत में सिर्फ महिलाओं के द्वारा हर गांव में चर्चा होगी। केंद्र के ट्रांसपोर्ट एंड शिपिंग डिपार्टमेंट के अधिकारियों से यूपी के चीफ सेक्रेटरी से बात हुई है। केंद्र सरकार का ई-पोर्टल है जिसमें सरकारी विभागों में खरीदे जाने वाले सामान जैसे एसी, फ्रीज, कूलर, अलमारी आदि यदि उस ई-पोर्टल से संबंधित कंपनियां से खरीदेंगे तो कम से कम कीमत में मिलेंगे। 30 फीसदी तक सस्ता मिलेगा। ऐसे ही व्यवस्था यूपी में भी होगी।
राज्य संपत्ति की 23 गाडिय़ों को बदला जाना था, जिनमें 22 ही बिक पाई थी। गाडिय़ां काफी खराब थीं। अब उनकी जगह पर इनोवा क्रिस्टा लाई जाएंगी। पीडब्ल्यूडी के अधीन हुडको से 6100 करोड़ का लोन लिया गया है। इसका इस्तेमाल सड़कों का चौड़ीकरण, मार्गों का नवीनीकरण, महत्वपूर्ण रास्तों का नवनिर्माण के लिए किया जाएगा। इसके लिए सिर्फ औपचारिकताएं पूरी नहीं होगी, बल्कि जो कंपनी सड़क बनाने और मरम्मत के लिए आएंगी उनको 5 साल की गारंटी भी लेनी होगी। सेतु निगम के लिए 1000 करोड़ उसी में से दिया जाएगा। बजट में 19 हजार करोड़ का प्रावधान पहले से ही है।
ऊर्जा विभाग के अधीन जो काम हो रहे हैं, उसे समय पर पूरा करने के लिए एक अपरेजल कमेटी बनाई जाएंगी, जो प्रमुख सचिव ऊर्जा की अध्यक्षता में होगी। 24 घंटे बिजली देने के लिए ये जरूरी है। कमेटी का नाम अपरेजल एवं मूल्यांकन समिति होगी। यूपी ब्रिज नियोजन एवं बोर्ड के उपाध्यक्ष की नियुक्ति की गई है। मथुरा क्षेत्र के अनुभवी और प्रशासनिक अनुभवी व्यक्ति की नियुक्ति इसमें की जाएगी। इसमें सलाहकार और उपाध्यक्ष बनाए जाएंगे। इनकी नियुक्ति सीएम करेंगे। अब ट्रॉमा सेंटर का संचालन पीजीआई करेगा।