Edited By Ajay kumar,Updated: 18 Aug, 2018 06:21 PM
अपने सरल स्वाभाव के कारण विरोधी दलों के नेताओं के दिलों पर भी राज करने वाले भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी के राजनीतिक जीवन में ऐसा समय भी आया था जब उनके मित्र एवं समाजवादी पार्टी (सपा) के तत्कालीन अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ...
सहारनपुर: अपने सरल स्वाभाव के कारण विरोधी दलों के नेताओं के दिलों पर भी राज करने वाले भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी के राजनीतिक जीवन में ऐसा समय भी आया था जब उनके मित्र एवं समाजवादी पार्टी (सपा) के तत्कालीन अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव के मुख्यमंत्रित्वकाल में पूरे 12 दिन नजरबंदी में बिताने पड़े थे।
उत्तर प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) के मंदिर आंदोलन के दौरान कारसेवा रोकने के लिये उठाये गये कदमों के तहत वर्ष 1990 में 24 अक्टूबर से पांच नवंबर के बीच वाजपेयी जी को सहारनपुर में नजरबंद करके रखा था। वाजपेयी के साथ शंकराचार्य को शुगर मिल के गेस्ट हाऊस में रखा गया था। केंद्र में उस समय भाजपा के समर्थन से वी.पी.सिंह के नेतृत्व वाली सरकार थी।
वाजपेयी को सरसावा के चीनी मिल में अस्थायी जेल बनाकर नजरबंद रखा गया था। नजरबंदी के दौरान सहारनपुर के नेता एवं केंद्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार रशीद मसूद मिजाजपुर्सी के लिए चीनी मिल गेस्ट हाऊस जाकर वाजपेयी जी से मिले थे। वाजपेयी जी नजरबंदी काल में सहज दिखे और प्रसन्नचित्त रहे। साठ के दशक से पूर्व प्रधानमंत्री का अक्सर सहारनपुर आना जाना रहा।
वाजपेयी जी की भाषण कला का ही यह प्रभाव था कि उन्हें पहली बार में सुनने वाला श्रोता उनसे सहानुभूति रखने तथा उनका समर्थक बन जाता था। ऐसे बड़ी संख्या में लोग बाद में जनसंघ और भाजपा के सदस्य बने और आरएसएस में भी शामिल हो गए। वर्ष 2004 में चौधरी यशपाल सिंह के समर्थन में आयोजित जनसभा में वाजपेयी जी अंतिम बार गांधी पार्क के मैदान में आए थे।