सर्दी-खांसी की दवा का मिला था लाइसेंस, बाबा जी ने बना दी कोरोना की दवाई! नोटिस जारी

Edited By Nitika,Updated: 24 Jun, 2020 09:41 PM

uttarakhand minister of ayush notice to baba ramdev

योगगुरु बाबा रामदेव के द्वारा मंगलवार को पत्रकार वार्ता आयोजित कर कोविड-19 की दवा बनाने का दावा किया गया था। इसके बाद उत्तराखंड के आयुष मंत्री हरक सिंह रावत ने बाबा रामदेव को नोटिस भेजा है।

देहरादूनः योगगुरु बाबा रामदेव के द्वारा मंगलवार को पत्रकार वार्ता आयोजित कर कोविड-19 की दवा बनाने का दावा किया गया था। इसके बाद उत्तराखंड के आयुष मंत्री हरक सिंह रावत ने बाबा रामदेव को नोटिस भेजा है। आयुष मंत्री ने इस दवाई को लेकर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि पतंजलि योगपीठ को हमने केवल इम्युनिटी बूस्टर की दवाई बनाने का लाइसेंस दिया है। ऐसे में वो इसे कोरोना की दवाई क्यों कह रहे हैं। उन्होंने कहा कि बाबा रामदेव ने दूसरे राज्य में क्लिनिकल टेस्ट किया हो और उसकी अनुमति ली होगी लेकिन उत्तराखंड में उन्होंने क्लिनिकल टेस्ट की अनुमति नहीं ली है। हरक सिंह रावत ने कहा कि विभाग ने पतंजलि को नोटिस भेजा है।
PunjabKesari

वहीं उत्तराखंड आयुर्वेद विभाग के लाइसेंस अधिकारी ने बताया कि पतंजलि के आवेदन के अनुसार, हमने उन्हें लाइसेंस जारी किया। उन्होंने कोरोना वायरस का उल्लेख नहीं किया, हमने केवल प्रतिरक्षा बूस्टर, खांसी और बुखार के लिए लाइसेंस को मंजूरी दी। हम उन्हें एक नोटिस जारी करके पूछेंगे कि उन्हें कोरोना के लिए किट बनाने की अनुमति कैसे मिली।

PunjabKesari

50 विज्ञापन पाए गए भ्रामक 

उल्लेखनीय है कि एक दिन पहले ही बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि आयुर्वेद ने कोविड-19 के इलाज की दवा पेश करने की घोषणा की थी। उसके कुछ घंटे बाद ही आयुष मंत्रालय ने इस दवा का प्रचार कोविड-19 के इलाज की दवा के रूप में रोक लगा दी थी। एएससीआई ने कहा कि आयुष मंत्रालय ने उससे इस तरह के विज्ञापनों की जानकारी देने को कहा था। परिषद ने इसके साथ ही 50 ऐसी कंपनियों की सूची जारी की है जिन्होंने अप्रैल में कोविड-19 के इलाज की दवा पेश करने का दावा किया था। दिलचस्प तथ्य है कि इस सूची में वे इकाइयां भी शामिल हैं जो होम्योपैथिक दवा ‘आर्सेनिक एल्बम 30' का प्रचार कोरोना वायरस के इलाज की दवा के रूप में कर रही थीं। हालांकि, इस सूची में कोई बड़ा ब्रांड शामिल नहीं। इनमें ज्यादातर देश के विभिन्न हिस्सों में कार्यरत स्थानीय कंपनियां हैं। इसके अलावा एएससीआई ने आयुष मंत्रालय के दवा एवं चमत्कारिक उपचार नियमनों के संभावित उल्लंघन के 91 अन्य मामलों को भी भ्रामक करार दिया। इस सूची में वे कंपनियां शामिल हैं जो मधुमेह, कैंसर, यौन समस्याओं, रक्तचाप और मानसिक तनाव के इलाज का दावा कर रही हैं। इस बीच, एएससीआई ने हिंदुस्तान यूनिलीवर के ‘फेयर एंड लवली' ब्रांड के एडवांस्ड मल्टी विटामिन से संबंधित विज्ञापन को भी भ्रामक करार दिया है। अप्रैल में जिन अन्य प्रमुख ब्रांडों के विज्ञापन पर परिषद ने आपत्ति जताई है उनमें एशियन पेंट्स, रिलायंस इंडस्ट्रीज, टाटा मोटर्स, एफसीए इंडिया ऑटोमोबाइल्स, ग्रोफर्स, मेकमाईट्रिप और इंडिगो एयरलाइंस शामिल हैं। 

PunjabKesari

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!